मुजफ्फरनगर। जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार सिंह ने निरीक्षण के बाद 11 विद्यालयों को नोटिस दिए। इन सभी विद्यालयों में नियम अनुसार कार्य नहीं किए जाने पर डीआईओएस ने कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही भविष्य में कमी पाए जाने पर कार्रवाई किए जाने की बात कही।
जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 11 विद्यालयों में निरीक्षण किया गया। पाया कि इन विद्यालयों में समय सारणी नियम अनुसार नहीं बनाई गई। अगर किसी विद्यालय में समय सारणी बनाई गई है तो उसके हिसाब से कार्य नहीं किया जा रहा। प्रधानाचार्य क्लास ही नहीं लेते। डीआईओएस ने उन्हें फटकार लगाई। कहा कि प्रधानाचार्य भी एक शिक्षक ही होता है।
उन्होंने बताया कि चार अशासकीय सहायता प्राप्त, चार राजकीय इंटर कॉलेज और तीन सेल्फ फाइनेंस विद्यालयों का निरीक्षण किया। इसमें पाया गया कि विद्यालय की समय सारणी या तो सही प्रकार से नहीं बनाई गई, या उसका अनुपालन सही प्रकार नहीं किया जा रहा। नियम यह है कि कठिन विषयों को पहले सत्र में और सरल विषयों को मध्यांतर के बाद होना चाहिए। इसी के साथ शिक्षक को थकान से बचाने के लिए प्रति दो कालांश के बाद खाली कालांश दिया जाएं। इस समय सारणी में प्रधानाचार्य के भी कम से कम दो अलग-अलग कक्षाओं में प्रतिदिन दो पीरियड होना और उनका अनुपालन होना अनिवार्य है। कुछ प्रधानाचार्य या तो समय सारणी में अपने लिए कालांश लगाते ही नहीं या फिर वो समय सारणी के अनुसार अपनी कक्षाओं में नहीं जाते है।
डीआईओएस गजेंद्र कुमार सिंह ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया कि वह विद्यालयों में समय सारणी की व्यवस्था सही प्रकार कर लें। खुद भी और समस्त शिक्षक कड़ाई से उसका अनुपालन करें। समय सारणी पर शिक्षा सत्र वर्ष अंकित किया जाए। विद्यालय का नाम अंकित किया जाए। शिक्षकों के नाम शॉर्ट फॉर्म में लिखे जाएं। समय सारणी प्रधानाचार्य एवं अकादमी प्रभारी (वरिष्ठ अध्यापक) की ओर से दिनांक सहित हस्ताक्षरित होनी चाहिए।