दुबई. भारत में अगले साल होने वाले पुरुषों के एकदिवसीय विश्व कप की मेजबानी के लिए वैश्विक क्रिकेट निकाय आईसीसी पर भारत सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स के परिणामस्वरूप भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को आईसीसी के केंद्रीय राजस्व पूल के अपने हिस्से से करीब 58 से 116 मिलियन यूएस डॉलर रुपए का नुकसान उठाना होगा. आईसीसी वर्ल्ड कप अगले साल अक्टूबर-नवंबर में भारत में खेला जाने वाला है.

बीसीसीआई ने गुरुवार को अपने राज्य संघों को भेजे गए एक अपडेट में कहा, ‘यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत में 2023 के विश्व कप आयोजन के लिए आईसीसी द्वारा किए गए किसी भी टैक्स की लागत को बीसीसीआई के राजस्व के हिस्से के साथ समायोजित किया जाएगा.’

ईएसपीएनक्रिकइंफो के मुताबिक, दो पन्नों के दस्तावेज में, बीसीसीआई ने भारत में टूर्नामेंट के आयोजन के लिए भारत सरकार से 100 प्रतिशत टैक्स छूट हासिल करने के लिए आईसीसी की गैर-मौजूदगी में अनुमानित वित्तीय हानि की रूपरेखा तैयार की है. आपको बता दें कि 2016 टी20 विश्व कप के बाद यह देश में हो रहा आईसीसी का पहला बड़ा ईवेंट है.

टैक्स में छूट मेजबान के समझौते का हिस्सा रही है, जिस पर बीसीसीआई ने 2014 में आईसीसी के साथ हस्ताक्षर किए थे. उस वक्त भारत को आईसीसी के तीन बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी सौंपी गई थी: 2016 विश्व कप, 2018 चैंपियंस ट्रॉफी (जिसे बाद में 2021 टी20 विश्व कप में बदल दिया गया, सारे मैच यूएई और ओमान में खेले गए थे) और 2023 विश्व कप. समझौते के अनुसार, बीसीसीआई इस बात से बंधा है कि वह आईसीसी (और टूर्नामेंट में शामिल उसके सभी वाणिज्यिक भागीदारों) को टैक्स छूट हासिल करने में मदद करेगी.

टैक्स का यह मसला कोई नई बात नहीं है. भारत में हर बार जब भी कोई वैश्विक क्रिकेट आयोजन होता है तो टैक्स माफी एक विवादास्पद मुद्दा रहा है. 2016 में, बीसीसीआई ने नोट में कहा था कि आईसीसी ने केंद्रीय राजस्व पूल से ‘लगभग 23.5 मिलियन डॉलर’ की कटौती की क्योंकि उस वक्त भारत सरकार ने आईसीसी ईवेंट्स के अधिकार रखने वाले Star India पर टैक्स लगाया था.