नई दिल्ली. टी20 वर्ल्ड कप शुरू होने में अब सिर्फ 2 दिन का समय ही बाकी रह गया है. ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 16 अक्टूबर से ICC के इस मेगा इवेंट की शुरुआत होगी. साल 2007 के बाद से भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी नहीं जीत पाई है. साल 2007 में भारत ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पहली बार टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था.

साल 2014 में टीम इंडिया के पास टी20 वर्ल्ड कप जीतने का बेहतरीन मौका था, लेकिन फाइनल में श्रीलंका ने उसका सपना तोड़ दिया था, लेकिन अब भारत पर टी20 वर्ल्ड कप 2022 की ट्रॉफी जीतने का दबाव होगा. भारत को अगर 15 साल बाद एक बार फिर टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतना है, तो उसे अपनी एक सबसे बड़ी कमजोरी दूर करनी होगी. टीम इंडिया ने अगर अपनी ये कमजोरी दूर नहीं की तो उसके हाथ से टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी भी फिसल सकती है.

टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी पावरप्ले और डेथ ओवर्स में घटिया गेंदबाजी है. इस कमी के साथ भारत का इस साल टी20 वर्ल्ड कप जीतना मुश्किल होगा. टी20 वर्ल्ड कप के लिए इस समय टीम इंडिया के स्क्वॉड में भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल और अर्शदीप सिंह जैसे तेज गेंदबाज मौजूद हैं. इन तीनों ही तेज गेंदबाजों के रन लुटाने की वजह से ही भारत इस साल अगस्त-सितंबर में एशिया कप की ट्रॉफी नहीं जीत पाया था.

पावरप्ले और डेथ ओवर्स में भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल और अर्शदीप सिंह का बुरा हाल है और इन तीनों के पास कोई खास स्पीड भी नहीं है. टीम इंडिया के गेंदबाज डेथ ओवर्स में काफी महंगे साबित हो रहे हैं. टी20 वर्ल्ड कप के लिए इस समय टीम इंडिया के स्क्वॉड में ऐसा कोई तेज गेंदबाज नहीं है, जो 140 से ज्यादा की स्पीड से लगातार गेंदबाजी कर सके. टीम इंडिया के स्पिनर्स का भी बुरा हाल है. रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल रन तो रोक लेते हैं, लेकिन विकेट निकालने में पसीने छूट रहे हैं.

मोहम्मद शमी को अगर टी20 वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में मौका मिलता है, तो वह कुछ बड़ा कर सकते हैं. फिलहाल टीम इंडिया का बॉलिंग डिपार्टमेंट जैसा है, उसे देखते हुए टी20 वर्ल्ड कप जीतना मुश्किल नजर आता है. भारतीय टीम को डेथ ओवर्स की गेंदबाजी में सुधार करनी होगी, तभी टी20 वर्ल्ड कप से कुछ अच्छी खबर मिल सकती है.