मुजफ्फरनगर। वहलना में सोना धर्म कांटा के पास बन रही मार्केट को आखिरकार एमडीए को सील करना पड़ा। एमडीए के इंजीनियरों और अफसरों ने फर्जी एनओसी पर नक्शा जारी कर दिया था। एसडीएम सदर के पत्र के बाद एमडीए के अफसरों की नींद खुली और सील करने की कार्रवाई करनी पड़ी।
एमडीए में इंजीनियरों और अफसरों की मिलीभगत से नक्शा जारी करने में बड़ा खेल चल रहा है। एमडीए के कुछ इंजीनियर तहसील के अधिकारियों और कर्मचारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर खुद ही एनओसी ले रहे हैं। इसके बाद वसूली कर एमडीए से नक्शा जारी कर देते हैं।
वहलना में सोना धर्म कांटा के पास एक मार्केट बनाया जा रहा है। इस मार्केट को बनाने के लिए एमडीए से नक्शा पास नहीं था। कुछ समय पहले प्रशासन ने मार्केट के मालिक को नोटिस जारी कर दिया था। इसके बाद तहसील से एक एनओसी जारी कराकर एमडीए में जमा हुई दिखाई गई और एमडीए ने शमन शुल्क जमा कराते हुए मार्केट का नक्शा जारी कर दिया।
इस प्रकरण को लेकर गांव वहलना के दिलावर सिंह ने मंडलायुक्त सहारनपुर के यहां शिकायत की तो सामने आया कि तहसील से जारी एनओसी फर्जी है। एमडीए सचिव को एसडीएम सदर परमानंद झा ने एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा कि उनके यहां की एनओसी के आधार पर कोई अनुमति न दी जाए। एनओसी फर्जी है। मामला उजागर होते देख एमडीए ने मार्केट को सील कर दिया है।
तहसील सदर के एसडीएम परमानंद झा ने बताया कि लेखपाल संजीव शर्मा और तहसीलदार अभिषेक शाही ने एनओसी पर कोई हस्ताक्षर नहीं किए थे। इन दोनो के फर्जी हस्ताक्षर कर एनओसी जारी की गई। इस संबंध में एमडीए सचिव को पत्र लिख दिया था। हस्ताक्षर किसने किए और नक्शा जारी करने का खेल किसने किया इसकी जांच एमडीए को करनी है।
एमडीए सचिव आदित्य प्रजापति का कहना है कि एसडीएम के पत्र के बाद सामने आया कि एनओसी फर्जी है। एमडीए ने नक्शा निरस्त कर मार्केट को सील कर दिया है।