मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में वार्ड परिसीमन की अधिसूचना जारी होने से मौजूदा कई भाजपाई सभासदों की सीट भविष्य में खतरे में पड़ सकती है। जिसको लेकर पार्टी संगठन में तकरार शुरू हो गया। शासन से जारी अधिसूचना के तहत किये गए परिसीमन में भाजपा के केवल 3 सभासदों के वार्ड नए परिसीमन से अछूते रहे। जो पार्टी टिकट पर जीते दूसरे सभासदों को काफी खल रहा है। नतीजतन प्रभावित सभासदों ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिये हैं।
नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर का सीमा विस्तार करते हुए शासन ने प्रदेश शासन ने 11 गांव जिनमे सरवट, कूकडा, सूजड़ु, अलमासपुर, शाहबुद्दीनपुर, मंधेड़ा, खांजापुर, वहलना को पूरी तरह से शहर में शामिल किया है। मुजफ्फरनगर ग्रामीण बाहर हदूद के साथ ही पचैण्डा, शेरनगर सहित चार गांवों का आंशिक भाग (गैर आबादी) वाला क्षेत्र शहर में शामिल किया गया है। जिसके बाद पिछड़ा वर्ग की आबादी का आंकलन करने के लिए रैपिड सर्वे का काम शुरू हुआ। इस बीच सीमा विस्तार के बाद शामिल हुए ग्रामीण इलाकों को नगर पालिका सीमा में मिलाते हुए वार्डों का निर्धारण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
रविवार को वार्ड परिसीमन की अधिसूचना जारी होने के साथ ही भाजपा में अंदरूनी तकरार शुरू हो गया। भाजपा के कई सभासद मानते हैं कि राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल की सहमति से ही मौजूदा वार्ड निर्धारण हुआ है। जिसमें उनके वार्डों का वजूद ही समाप्त कर दिया गया है, या त्रुटिपूर्ण परिसीमन कराकर उनकी दावेदारी कमजाेर कर दी गई। पूर्व सभासद और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष राजकुमार सिद्धार्थ का कहना है कि वह ताजे परिसीमन से बेहद नाराज हैं। इस बार उनके वार्ड से गंगारामपुरा और ब्रह्मपुरी में दलितों वाली गली को हटाकर बिजेन्द्र पाल सभासद के वार्ड में जोड़ दिया गया है। जाट कालौनी में 2 वार्ड एक कर दिये। गांधी कालोनी में भी 2 वार्डों को एक किया गया है। दोनों ही स्थानों पर भाजपा से जीते सभासदों को झटका लगा है। वार्ड 20 शिक्षक कालौनी क्षेत्र में केन्द्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान समर्थक माने जाने वाले पवन कुमार भाजपा से सभासद हुए थे। इस बार भी वहीं दावेदार थे, वहीं वार्ड 9 यानी गांधी कालौनी प्रथम से भाजपा के टिकट पर साक्षी चुग्घ पत्नी विवेक चुग्ध जीतीं थी जबकि दूसरे वार्ड से प्रेमी छाबड़ा। आरोप है कि साक्षी का वार्ड खत्म करते हुए प्रेमी छाबड़ा को सुरक्षित किया गया है। नई मण्डी क्षेत्र में 5 वार्ड थे। यहां पर विकास गुप्ता भाजपा सभासद का वार्ड खत्म कर 4 वार्ड बनाये गये हैं। भाजपा के टिकट पर जीतीं सपना मलिक पत्नी मोहित मलिक और युवा नेता रोहित तायल की माता के वार्ड का भी परिसीमन ऐसे कर दिया गया कि उनके अगले जीत के मंसूबों को झटका लग सकता है।
पूर्व सभासद राजकुमार सिद्धार्थ ने कहा कि वह इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। लेकिन इस बार भी उनके वार्ड में जानबूझकर ऐसा परिसीमन कराया गया है कि उनकी दावेदारी न बन सके। उन्होंने सवाल उठाया आखिर क्या कारण रहा कि 3 चहेते सभासद बिजेन्द्र पाल, राजीव शर्मा और मनोज वर्मा के वार्ड से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई। उन्होंने मंत्री कपिल देव के सामने अपनी बात रखी। आरोप लगाया कि इन 3 सभासदों ने मंत्री कपिल देव को भ्रमित किया और उनके नाम के सहारे अधिकारियों पर भी मनमाने तरीके से परिसीमन का दबाव बनाया। कहा कि उन्होंने मंत्री से आपत्ति कराई। इसमें सभासद बिजेन्द्र पाल के वार्ड को सामान्य घोषित कराने, परिसीमन पुन: कराने, सभासद राजीव शर्मा और मनोज वर्मा के वार्ड का भी ओबीसी आबादी के आधार पर पुन: परिसीमन कराते हुए ओबीसी आरक्षित कराने की बात कही।
नगरपालिका परिषद् के वार्ड परिसीमन में पालिका पर अब 10 नये वार्डों के अन्तर्गत शामिल हुए 4 हजार हेक्टेयर से ज्यादा का क्षेत्रफल में विकास कराने का बोझ होगा। इसी को लेकर आज चर्चा चलती रही। अब पालिका के 50 वार्डों की संख्या बढकर 60 हो चुकी है, इसमें खास यह है कि शहरी क्षेत्र के 7 वार्डों का वजूद ही खत्म कर दिया गया है। जबकि कूकडा, सूजड़ु, सरवट और वहलना जैसे बड़े गांवों के साथ ही 15 गांवों का रकबा शामिल होने पर भी ग्रामीण क्षेत्र से केवल 17 वार्ड शामिल किये हैं। 30 अक्टूबर तक आपत्ति मांगी गई है।