मुज़फ्फरनगर. ज़िले के सिसौली गांव में टिकैत परिवार करीब 35 साल से किसानों को श्रद्धांजलि के रूप में ‘अमर किसान ज्योति’ जला रहा है. भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत ने पहली बार 1 मार्च 1987 को गांव सिसौली स्थित घर में ज्योति जलाई थी. इसे अमर किसान ज्योति कहा जाता है और यह लौ देसी घी से भरी जाती है. अब भाकियू अपनी पहचान बना चुकी है. जहां भी यूनियन का नाम आता है, वहां किसानों को एकजुटता और अपनी मांगों को सही मंच से रखने का भरोसा मिलता है.

भारतीय किसान यूनियन की नींव चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के द्वारा रखी गई थी. इसमें अलग-अलग राज्यों से सदस्य भी बनाए गए थे. उस दौरान जब स्वर्गीय टिकैत ने सबसे पहला धरना प्रदर्शन किया गया था तब उन्होंने एक ज्योत प्रज्वलित की थी. उस ज्योत को प्रज्ज्वलित कर धरने पर पहुंचे थे. वह ज्योत आज तक टिकैत परिवार में ऐसे ही प्रज्ज्वलित की जा रही है.

टिकैत परिवार ने बताया कि इस ज्योत के लिए अलग-अलग गांवों और राज्यों से देसी घी आता है और उसी से इस ज्योत को आज भी उसी विधि विधान से प्रज्ज्वलित रखा जाता है. नरेंद्र टिकैत ने बताया कि इस अखंड ज्योत के लिए कई गांवों समेत दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब से भी देसी घी आता है.

स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत ने जिस जोत को बाला था, आज भी उनका पूरा परिवार उसकी देखरेख कर रहा है. नरेंद्र टिकैत ने बताया कि महेंद्र सिंह का बिस्तर आज भी लगाया जाता है. उनका हुक्का भी भरा जाता है. टिकैत परिवार अपने बुजुर्ग की यादों को इस तरह से संजो रहा है, साथ ही उनकी सेवाओं के प्रति इस तरह सम्मान भी व्यक्त कर रहा है.