मुजफ्फरनगर। खतौली विधायक की सदस्यता समाप्त होने के बाद जारी जुबानी जंग के बीच रालोद जिलाध्यक्ष ने तल्ख बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे नेता के खिलाफ बदजुबानी की गई तो उसकी जुबान खींच ली जाएगी। संदीप मलिक शनिवार को पार्टी कार्यालय पर कार्यकर्ताओं व नेताओं से बातचीत कर रहे थे। विक्रम सैनी के स्व. चौ. अजित सिंह व जयन्त चौधरी के बारे में दिए गए बयान का वीडियो प्रसारित होने पर रालोद नेता व कार्यकर्ता भारी संख्या में कार्यालय पर जुटे। मलिक ने विक्रम सैनी को निशाने पर लेते हुए कहा कि 15 नवंबर को खतौली की सरजमीं पर ही रालोद जवाब देगा। कहा कि सत्ता के नशे में चूर नेता लोगों की इज्जत पर हमलावर थे। यह चौधरी चरण सिंह व किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत की कर्मभूमि है। यहां आंदोलन हो या राजनीति, सभी दल व नेताओं को सम्मान दिया जाता है।

खतौली विधानसभा सीट पर भाजपा विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता समाप्त होने के बाद राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। निर्वाचन आयोग को यहां पर तीन माह के भीतर उपचुनाव कराना पड़ेगा, ऐसे में दावेदारों का दंगल सज गया है। भाजपा के लिए यह सीट साख का सवाल बन गई है जबकि रालोद जीत के लिए पूरी ताकत झोंकेगा।

राजनीतिक दिग्गजों ने जातिगत आंकड़ों के साथ मोहरों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है। पुराने चेहरों को राजनीतिक दल तरजीह देंगे या नया चेहरे व मोहरों को मैदान में उतारा जाएगा, यह बड़ा सवाल है। पिछले विस चुनाव के दौरान सपा-रालोद गठबंधन और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला था। खतौली और सदर विधानसभा सीट को छोड़कर गठबंधन के खाते में मीरापुर, पुरकाजी, चरथावल और मीरापुर सीट चली गई। अब खतौली विधानसभा सीट खाली होने के बाद चुनावी रणनीतिकारों ने अपना लेखा-जोखा पुन: निकाल लिया है। शनिवार को तहसील से लेकर चाय की दुकानों तक विक्रम सैनी की विधायकी और राजनीतिक पारी के संकट को लेकर चर्चा रही। वर्ष 2022 में खतौली विधानसभा सीट पर भाजपा विक्रम सैनी, सपा-रालोद गठबंधन से राजपाल सैनी, कांग्रेस से गौरव भाटी और बसपा से करतार सिंह भड़ाना ने ताल ठोका था। इस बार भी कड़ा मुकाबला तय है। सिर्फ भाजपा के सिंबल पर चेहरा बदल सकता है। लोग मतदान पर बूथवार वोटों की गुणाभाग में जुट गए है। नए चेहरे टिकट की रेस में खड़े हो गए हैं।