नई दिल्ली. योगासनों के नियमित अभ्यास की आदत संपूर्ण शरीर के लिए लाभकारी मानी जाती है। कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में भी विशेषज्ञों ने इससे लाभ देखे हैं। कुछ अध्ययनों में भी पाया गया है कि अगर दिनचर्या में योग को शामिल कर लिया जाए तो हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसी बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है। हालांकि योग के अभ्यास से पहले विशेषज्ञों की सलाह लेना जरूरी हो जाता है। योग विशेषज्ञ कहते हैं, हर अभ्यास सभी के लिए फायदेमंद हो यह आवश्यक नहीं है, ऐसे में अपनी सेहत के आधार पर ही आसनों का चयन किया जाना चाहिए।
योग के अभ्यास को वैसे तो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या और इससे संबंधित जटिलताओं को कम करने वाला माना जाता है, पर कुछ अभ्यास ऐसे भी हैं जिन्हें विशेषज्ञ हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों की न करने की सलाह देते हैं। असल में इन योगासनों से रक्तचाप बढ़ने का खतरा रहता है।
शीर्षासन योग को वैसे तो संपूर्ण शरीर के लिए विशेष लाभकारी अभ्यास के तौर पर जाना जाता है। सिर में रक्त के संचार को बढ़ावा देने के साथ शारीरिक संतुलन को बेहतर बनाने में इस योग के नियमित अभ्यास से विशेष लाभ मिल सकता है, पर जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या रहती है, उन्हें शीर्षासन योग न करने की सलाह दी जाती है। असल में इस अभ्यास के दौरान सिर में अचानक रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है जिसके कारण हाइपरटेंशन की समस्या बढ़ने और इससे संबंधित विकारों का खतरा अधिक हो सकता है।
अधोमुख शवासन को भी शरीर के ऊपरी हिस्से विशेषकर सिर में रक्त के प्रवाह को तेजी से बढ़ाने के लिए जाना जाता है, ऐसे में इस योग को भी हाइपरटेंशन के रोगियों को नहीं करना चाहिए। इस तरह के योगासन ब्लड प्रेशर को बढ़ा देते हैं, जिससे कई प्रकार की जटिलताओं के विकसित होने का खतरा हो सकता है। हमेशा उन्हीं अभ्यास का चयन करें जिससे रक्तचाप को कंट्रोल करना आसान होता है।
हाइपरटेंशन की स्थिति में उत्तानासन योग के अभ्यास की आदत भी आपकी जटिलताओं को बढ़ाने वाली हो सकती है। योग विशेषज्ञ कहते हैं, इस प्रकार के योगासनों के दौरान पैरों और धड़ को ऊंचाई पर करना होता है, इसके अलावा सिर, हृदय के नीचे आ जाता है, यह स्थिति उच्च रक्तचाप के जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती है। उत्तानासन योग को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में नहीं किया जाना चाहिए।