मुजफ्फरनगर। ईंट निर्माता कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा कि सरकार को एनसीआर में कोयले के इस्तेमाल पर लगाए प्रतिबंध पर पुनर्विचार करना चाहिए। प्रतिबंध सही कदम नहीं है। लोकतंत्र को थोप तंत्र में तब्दील करना ठीक नहीं है। अगर भट्टा मालिकों की समस्या पर गौर नहीं किया गया तो संघर्ष का रास्ता अपनाया जाएगा।

संगठन की बैठक कूकड़ा में धीरज राठी के आवास पर संपन्न हुई। भट्टा उद्योग के समक्ष मौजूदा समस्याओं के साथ-साथ जनकल्याण के विषय पर भी चर्चा की गई। समिति अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा कि एनसीआर के सभी भट्टे आमतौर पर फरवरी से जून तक चलते हैं और इन महीनों में प्रदूषण की कोई परेशानी नहीं होती। भट्टा मालिकों ने विनियमन शुल्क जमा कराने में आ रही परेशानी पर भी विचार किया गया। अध्यक्ष ने बताया कि शासन ने ऑनलाइन पेमेंट जमा करने के साथ-साथ साधारण चालान निकलवा कर बैंक में जमा करने की व्यवस्था भी कर दी गई है। ब्याज में छूट देने की बात भी शासन से हो चुकी है। किसानों ने अभी तक गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाने पर अपना आक्रोश व्यक्त किया। संचालन समिति महामंत्री बलराम तायल ने किया। समिति उपाध्यक्ष अमरपाल पूनिया, हाजी मुर्तजा, अनुराग कुच्छल, जय भगवान, राजेंद्र सिंह, सुधीर कुमार, नीरज राठी, धर्मेंद्र, रजत और नरेंद्र मौजूद रहे।