नई दिल्ली. कमर और पीठ में दर्द की समस्या से परेशान लोगों के मामले काफी बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इसके ज्यादार शिकार वे लोग हैं जिनके दिन का लंबा समय बैठे-बैठे बीतता है। बैठने के पॉश्चर में गड़बड़ी के कारण पीठ-कमर दर्द की समस्या होना काफी सामान्य है, हालांकि अगर समय रहते इसपर ध्यान न दिया जाए तो यह दिक्कतों को काफी बढ़ाने वाली हो सकती है। गलत तरीके से बैठने के कारण पीठ के निचले हिस्से पर अतिरिक्त दबाव बना रहता है जिससे वहां के ऊतक कमजोर हो जाते हैं। नतीजतन पीठ में मांसपेशियों, डिस्क और जोड़ों से संबंधित विकारों को जोखिम काफी बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इस तरह की दिक्कतों से बचे रहने के लिए बैठने के सही तरीके का पालन करना बहुत आवश्यक है। इसके अलावा दिनचर्या में योगासनों को शामिल करके मांसपेशियों की कठोरता को कम किया जा सकता है, जिससे दर्द और अकड़न में आराम मिल सकता है।
कुछ प्रकार के योगासन न सिर्फ इस तरह की जटिलताओं से बचाने में आपके लिए मददगार हैं साथ ही इससे शरीर के लचीलेपन में भी सुधार किया जा सकता है। दिनचर्या में सभी लोगों को इन योगासनों को जरूर शामिल करना चाहिए।
मार्जरी आसन को कैट काऊ पोज के तौर पर भी जाना जाता है, जिसके नियमित अभ्यास की आदत पेट के अंगों के साथ पीठ और कमर के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। यह अभ्यास रीढ़ को फैलाने और गतिशीलता को बढ़ाने में काफी लाभकारी हो सकता है। इस योग के अभ्यास से आपके धड़, कंधे और गर्दन की भी स्ट्रेचिंग हो जाती है। कमर और पीठ के दर्द में इस आसन से विशेष लाभ पाया जा सकता है।
शरीर को बेहतर तरीके से स्ट्रेच करने के लिए त्रिकोणासन के अभ्यास से विशेष लाभ पाया जा सकता है। यह क्लासिक पोज पीठ दर्द, साइटिका और गर्दन के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। रीढ़, कूल्हों और कमर की बेहतर स्ट्रेचिंग के साथ कंधों, छाती और पैरों को मजबूत करने में भी इससे लाभ पाया जा सकता है। गलत मुद्रा के कारण मांसपेशियों पर बनने वाले दबाव को कम करने में इस योग के अभ्यास के लाभ हैं।
भुजंगासन या कोबरा पोज योग का अभ्यास आपके पेट, छाती और कंधों को फैलाता है। इस मुद्रा का अभ्यास करने से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और पीठ के दर्द में विशेष लाभ पाया जा सकता है। दिनभर बैठकर काम करते रहने वाले लोगों के लिए भुजंगासन का अभ्यास विशेष लाभकारी हो सकता है। यह तनाव और थकान को दूर करने के साथ पीठ के दर्द को कम करने में भी मददगार योगासन है।