नई दिल्ली। प्रीबायोटिक्स डाइटरी फाइबर का एक रूप है जो आपके आंत में फैंडली बैक्टीरिया को फीड करता है. इन हेल्दी फाइबर्स में इनुलिन, फ्रुक्टूलिगोसैकराइड्स, गैलेक्टूलिगोसैकेराइड्स, बीटा ग्लूकेन्स, पेक्टिन और रिसिस्टेंट स्टार्च शामिल हैं. हमारी आंतों की सेहत के लिए ये बैक्टीरिया काफी फायदेमंद हो सकते हैं, इससे कब्ज और गैस जैसी परेशानिया नहीं आती. मशहूर न्यूट्रिशनिस्ट ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर बताया कि आंतों की सेहत और गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने के लिए हमें कौन-कौन से प्रीबायोटिक फूड्स खाने चाहिए.

केला एक बेहद कॉमन सब्जी है जिसमें इंसुलिन और फाइबर पाया जाता है साथ ही इसमे फ्रुक्टोज की मात्रा काफी कम होती है. जो लोग नियमित तौर पर केला खाते हैं उनके पेट में गुड बैक्टीरियाज पैदा होने लगते हैं.

जौ एक अनाज है जिसे बीटा ग्लूकन का रिच सोर्स माना जाता है, ये एक प्रिबायोटिक फाइबर है जिससे पेट में मौजूद गुड बैक्टीरियाज को मदद मिलती है, साथ ही इससे खून में कोलेस्ट्रॉल भी नहीं बढ़ता जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.

लहसुन आंत में लाभकारी बिफीडोबैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देकर प्रीबायोटिक के रूप में काम करता है. ये बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में भी मदद करता है.

प्याज एक बहुमुखी सब्जी है जो इंसुलिन और एफओएस से भरपूर होती है. FOS गट फ्लोरा को मजबूत करता है, फैट के टूटने में मदद करता है, और कोशिकाओं में नाइट्रिक ऑक्साइड उत्पादन को बढ़ाकर आपके इम्यून सिस्टम को बेहतर करता है.

अलसी के बीजों में भरपूर मात्रा में म्यूसिलेज गम, सेल्यूलोज और लिग्निन जैसे फाइबर कंटेंट होते हैं, इससे हमारी आंतों में गुड बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, इसे पचाना बेहद आसान होता है.