मुजफ्फरनगर। प्रदूषण विभाग के रोजाना नये कानून से ईंट भट्टा संचालक त्रस्त हैं। इसी से पीड़ित एक ईंट भट्ठा मालिक ने अपना भट्टा लिया है।

ईट निर्माता कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार का कहना है कि वह भौरा कलां से लौटते हुए बुडीना कलां स्थित चौधरी ब्रह्म सिंह के भट्टे पर पहुंचे। भट्ठा मालिक के बेटे सुनील कुमार ने बताया कि वह भट्ठा खत्म कर रहे हैं। पिछले सीजन में सीपीसीबी ने उनके भट्टे का निरीक्षण किया था, जिसको उन्होंने बंदी में डाल दिया है। समिति अध्यक्ष ने बताया कि कोयले, जीएसटी में बेतहाशा बढ़ोतरी और अव्यवहारिक कानूनों की मार से हलकान सभी भट्टा मालिकों में भय और रोष व्याप्त है। गांव देहात में रोजगार सृजित करने वाले इस कुटीर उद्योग को अगर सरकार ने नहीं बचाया तो इससे जुड़े लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा होगा।

एनसीआर में पहली जनवरी से पावर प्लांट को छोड़कर सभी उद्योगों में कोयले के इस्तेमाल रोक लगा दी गई है। समिति महामंत्री बलराम तायल और उपाध्यक्ष अमरपाल पुनिया मौजूद रहे।