मुजफ्फरनगर। साल 2022 अदालत के कई बड़े फैसलों के लिए भी लोगों के याद रहेगा। भाजपा के खतौली विधायक विक्रम सैनी को कवाल के मामले में सजा हुई और सदस्यता चली गई। रालोद के पुरकाजी विधायक को सजा सुनाई गई। कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल को रेलवे एक्ट के मामले में दोषमुक्त करार दिया गया। पूर्व विधायक शाहनवाज राना को जरूरत अदालत से राहत मिली। इसके अलावा इस साल बड़कली कांड में अदालत का फैसला आया।

कवाल कांड के बाद 29 अगस्त 2013 को कवाल गांव तनाव का माहौल था। दोनों वर्गों के लोग आमने-सामने आ गए थे। हिंसा और आगजनी की घटना के बाद पुलिस ने तब पूर्व प्रधान के पति विक्रम सैनी सहित 28 लोगों के खिलाफ जानसठ थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में हुई। विधायक सैनी समेत 12 आरोपियों को 10 अक्तूबर को धमकी देने के मामले में दो साल की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। धारा 148 में दो साल की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया था। सजा के बाद विधायक की सदस्यता चली गई थी।

साल बीतते-बीतते विधानसभा चुनाव 2017 के नामांकन के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पुरकाजी सुरक्षित सीट से रालोद विधायक अनिल कुमार को 15 दिन का कारावास और 100 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अदालत ने विधायक की अंतरिम जमानत अर्जी मंजूर की है। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी मयंक जायसवाल ने 21 दिसंबर को यह फैसला सुनाया।

रोहाना कलां क्षेत्र के बड़कली गांव के के सामूहिक हत्याकांड में आंबेडकर नगर जेल में बंद गैंगेस्टर मीनू त्यागी समेत 16 आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास और 60-60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा इसी साल सुनाई। सामूहिक हत्या की वारदात को हादसा दर्शाने की साजिश रची गई थी। मरने वालों में तीन मासूम बच्चे भी शामिल थे। अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट नंबर-दो के न्यायाधीश छोटे लाल यादव ने चार जुलाई को यह फैसला सुनाया। वारदात 11 जुलाई 2011 को अंजाम दी गई थी। बधाई खुर्द निवासी रोहाना गन्ना समिति के पूर्व चेयरमैन उदयवीर सिंह और परिवार को ट्रक से कुचला गया था।

मुजफ्फरनगर में पूर्व विधायक एवं उद्यमी शाहनवाज राना चर्चित दुष्कर्म के प्रयास के मामले में 21 साल बाद दोषमुक्त करार दिए गए। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-चार ने फैसला सुनाया था। थाना सिविल लाइन में दिल्ली निवासी युवती ने पांच अक्तूबर 2001 को मुकदमा दर्ज कराया था।

रुपये के लेन-देन के विवाद में आरोपी सराफा कारोबारी बंधु अजय स्वरूप बंसल और आशुतोष बंसल की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। जिला जज ने जमानत अर्जी खारिज की तो दोनों भाइयों को जेल जाना पड़ा था।

रेलवे एक्ट के करीब 10 साल पुराने मामले में कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल दोषमुक्त करार दिए गए। किसान मोर्चा के प्रदर्शन के दौरान उन पर मुकदमा दर्ज किया गया था।