मुजफ्फरनगर। ड्रग्स विभाग की मंडलीय टीम ने जिला परिषद मार्केट में छापा मारा। निरीक्षण के दौरान 12 प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया। पांच प्रकार की औषधियों के नमूने एकत्रित किए गए। क्रय अभिलेख न दिखाए जाने पर छापामार कार्रवाई के दौरान लगभग 12 लाख रुपये की औषधियों की बिक्री पर रोक लगाई गई, करीब सात घंटे अभियान चला।
सहायक आयुक्त औषधि सहारनपुर मंडल ने शिकायत के बाद औषधि निरीक्षक शामली निधि पांडे, औषधि निरीक्षक सहारनपुर लवकुश प्रसाद एवं औषधि निरीक्षक मुजफ्फरनगर पवन कुमार शाक्य की टीम गठित की। दोपहर की समय टीम ने बाजार में औचक छापा मारा तो व्यापारियों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मेडिकल पर दवाओं के बिलों की जांच की गई। इसी के साथ कई दुकानों से दवाइयों के नमूने भी लिए गए। दवाओं के बिलों की जांच की गई । टीम ने कहा कि अगर किसी स्टोर पर दवाई के बिल नहीं मिलते हैं, तो उसके खिलाफ लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई की जाएगी। यह भी चेक किया गया कि किसी स्टोर पर प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री तो नहीं की जा रही है।
जिला परिषद मार्केट में इससे पहले भी अलग-अलग राज्यों से नारकोटिक्स विभाग की टीम ने आकर छापा मारा है। लगातार मार्केट में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की चर्चाएं रहती है। इसी को लेकर पहले नारकोटिक्स टीम यहां से कुछ लोगों को गिरफ्तार करके भी लेकर गई है। साथ ही प्रतिबंधित दवाएं भी बरामद हुई है।
जिला परिषद में पूजा मेडिकोज, बसंत फार्मास्यूटिकल, जैन फार्मा, संदीप मेडिकल एजेंसी, यूनीक फार्मा, चोपड़ा मेडिकल एजेंसी , मार्स मेडिकल एजेंसी , माधव मेडिकल एजेंसी , दीप मेडिकल एजेंसी, लकी मेडिकल एजेंसी, कौशिक मेडिकल एजेंसी और ढाका मेडिकोज पर पहुंचकर टीम ने जांच की।