मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बीच नगरपालिका परिषद् में पूरी हलचल है। एडीएम प्रशासन अमित सिंह के नोडल अधिकारी बनने के बाद पालिका में कामकाज को लेकर लापरवाही और हीलाहवाली की स्थिति अब जवाबदेही की दहलीज तक आ पहुंची है। अफसरों को लगातार काम करना पड़ रहा है और कर्मचारियों में भागमभाग की स्थिति है। शहर में पेयजल आपूर्ति, सफाई व्यवस्था और पथ प्रकाश पर पहला ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए कूड़ा निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता पर है। इसके लिए सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निरीक्षण किया गया, जोकि बन्द पाया गया। लगभग एक करोड़ रुपये खर्च कर शुरू कराया गया यह प्लांट पालिका के अफसरों की लापरवाही के कारण बन्द होने के आरोप लगाये जा रहे हैं। इस कारण शहर में पुनः कूड़ा निस्तारण की समस्या बन गयी है। इसी को लेकर आज नोडल अधिकारी ने चेयरपर्सन के साथ मिलकर मीटिंग की और कूड़ा निस्तारण के साथ ही अन्य बिन्दुओं पर कार्ययोजना बनाने के लिए चर्चा की गयी। इस मीटिंग में नगर स्वास्थ्य अधिकारी की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी प्रकट की गयी।

बता दें की शहर में बिना जनसमस्याओं के उचित निस्तारण के लिए जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए नगरपालिका परिषद् में सफाई, पेयजलापूर्ति और पथ प्रकाश सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए एडीएम प्रशासन अमित सिंह को नोडल अधिकारी नामित किया है। नोडल अधिकारी बनने के पहले ही दिन से एडीएम प्रशासन अमित सिंह लगातार पालिका में हालात बदलने के लिए जुटे हुए है। उन्होंने सबसे पहले कूड़ा निस्तारण की स्थिति को पटरी पर लाने के लिए कार्ययोजना बनाने का काम किया है। इसी को लेकर एडीएम प्रशासन ने आज टाउनहाल पहुंचकर चेयरपर्सन कार्यालय में मीटिंग ली। इसमें चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के अलावा ईओ हेमराज सिंह व अन्य अफसर भी मौजूद रहे। इस मीटिंग से पहले ही एडीएम प्रशासन के निर्देेश पर ईओ और नगर स्वास्थ्य अधिकारी ;एनएसएद्ध डा. अतुल कुमार ने एटूजेड सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का स्थलीय निरीक्षण किया। इस निरीक्षण की रिपोर्ट उन्होंने एडीएम प्रशासन को दी। निरीक्षण में प्लांट बन्द पाया गया। प्लांट पर जलभराव होने के कारण कूड़ा निस्तारण का कार्य वहां पर नहीं हो पा रहा था। पानी निकालने के लिए एडीएम ने वहां पर पम्प लगवाने के निर्देश दिये और कहा कि हर हाल में प्लांट को चालू कराया जाये। ईओ ने बताया कि मशीनरी वार्ड का फाउंडेशन गहराई में होने के कारण वहां पर बार बार पानी भरने की समस्या उत्पन्न हो रही है। फाउंडेशन को करीब एक मीटर ऊंचा उठाने की आवश्यकता है।

मीटिंग में ही चेयरपर्सन ने इस बात पर नाराजगी जताई की पालिका के अफसरों की लापरवाही के कारण ही प्लांट बन्द हुआ है। बारिश और पानी का केवल बहाना बनाया जा रहा है, जबकि एग्रीमेंट के अनुसार कूड़ा निस्तारण के लिए ठेकेदार फर्म को भुगतान नहीं किये जाने के कारण यह बन्द हुआ है। उन्होंने बताया कि करीब एक करोड़ रुपये खर्च कर इस प्लांट को फिर से चालू करवाया गया था, लेकिन अधिकारी काम करना नहीं चाहते हैं। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई की जिला अस्पताल सहित कुछ प्रमुख कूड़ा डलाव घरों को समाप्त करने की योजना के तहत करीब दो साल पूर्व जिला अस्पताल पर कॉम्पेक्टर लगवाये गये थे, लेकिन आज तक भी अफसर इनको चालू नहीं करा पाये। यह योजना सफल होती तो शहर में कूड़ा निस्तारण की स्थिति काफी बेहतर बन सकती थी। उन्होंने कहा कि वह दो साल से इसके लिए अफसरों को कहते कहते थक चुकी हैं, लेकिन कार्यप्रणाली में कोई भी सुधार नहीं हुआ। दो साल में हम शहर से एक भी कूड़ा डलावघर समाप्त कराने की योजना में सफल नहीं हो पाये, यह बेहद दुर्भाग्य है।

इसके साथ ही शहर के कूड़ा डलावघरों से निकलने वाले कूड़े को लेकर भी एडीएम प्रशासन ने एनएसए डा. अतुल कुमार से जानकारी मांगी तो वह यह नहीं बता पाये कि कितना कूड़ा प्रतिदिन निकल रहा है और कितने बड़े कूड़ा डलावघर है। इसको लेकर भी एडीएम और चेयरपर्सन ने नाराजगी जाहिर की। उनको चेतावनी दी कि गयी कि वह पूरा होमवर्क रखें और कामकाज पर ध्यान दिया जाये। एडीएम ने बताया कि शहर में मूलभूत सुविधाओं को सृदृढ़ बनाने और साफ सफाई की व्यवस्था उचित बनाने के लिए मीटिंग की गयी है। मीटिंग में स्वच्छता सर्वेक्षण को देखते हुए सफाई व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने की कार्ययोजना पर काम करने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि शहर को सफाई में मामले में उच्च मापदंड तक पहुंचाया जा सके। प्लांट बन्द मिलने पर उन्होंने कहा कि उसको शुरू करने के निर्देश दिये गये है।

भुगतान को लेकर भी जानकारी मांगी गयी है। फर्म को भुगतान कराया जायेगा। कूड़ा कलेक्शन वार्डों में शुरू कराने पर भी काम हो रहा है। अगले कुछ दिनों में शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार नजर आयेगा। उन्होंने बताया कि ईओ और एनएसए को जिला अस्पताल कूड़ा घर को समाप्त करने के लिए काम्पैक्टर को चालू कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। हर कार्य की मानीटरिंग होगी और जवाबदेही सुनिश्चित की जायेगी। मीटिंग में मुख्य रूप से ईओ हेमराज सिंह, एनएसए डा. अतुल कुमार, जलकल अभियंता शरद गुप्ताा, एई निर्माण सुनील कुमार, स्टेनो गोपाल त्यागी व अन्य लिपिक मौजूद रहे।