नई दिल्ली. आईपीएल 2023 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. पिछले दिनों कोच्चि में हुए ऑक्शन में खिलाड़ियों पर रिकॉर्ड बोली लगी. इंग्लैंड के युवा ऑलराउंडर सैम करेन को पंजाब किंग्स ने 18.5 करोड़ रुपये में खरीदा. वे टी20 लीग के इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बने. इस बीच बीसीसीआई (BCCI) की रिव्यू मीटिंग रविवार को मुंबई में हुई. इसमें फैसला हुआ है कि एनसीए अब आईपीएल टीमों के साथ मिलकर काम करेगा, ताकि बड़े खिलाड़ियों के वर्कलोड को कम किया जा सके. अक्टूबर-नवंबर में भारत में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है. इसके लिए 20 खिलाड़ियों का एक पूल तैयार किया जाएगा. यानी टी20 लीग के दौरान इन खिलाड़ियों को आराम भी दिया जा सकता है, लेकिन क्या यह आसान रहने वाला है.

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड का पहले से अपने खिलाड़ियों के साथ ऐसा करार है और फ्रेंचाइजी भी उनके साथ हैं. पिछले कुछ साल को देखें, तो टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन लगातार 2 साल 2021 और 2022 में किया गया. यह बात सामने आ रही थी कि बीसीसीआई आईपीएल में खिलाड़ियों के वर्कलोड पर नजर रख रहा है. दूसरी ओर फ्रेंचाइजी ने बीसीसीआई और एनसीए को खिलाड़ियों को सीधे मैनेज करने का अधिकार देने से इनकार कर दिया. हालांकि वे समय-समय पर रिपोर्ट साझा करते रहते हैं.

बीसीसीआई ने पहली बार आधिकारिक तौर पर आईपीएल में निगरानी की बात कही है. अगर बात वर्कलोड की है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि बोर्ड इसके बारे में क्या सोचता है. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ईसीबी फ्रेंचाइजी से नियमित रूप से खिलाड़ियों का डाटा साझा करने के लिए कहते हैं. इसी के आधार पर उन्हें विदेशी टी20 लीग में खेलने की इजाजत दी जाती है.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा, बीसीसीआई किसी भी फ्रेंचाइजी को किसी खिलाड़ी को आराम देने के लिए नहीं कह सकता है. वे निश्चित रूप से वर्कलोड की निगरानी कर सकते हैं और किसी भी डाटा को साझा करने के लिए कह सकते हैं, लेकिन वे ये तय नहीं कर सकते हैं कि कौन सा खिलाड़ी कितने मैच खेलेगा या कौन सा गेंदबाज कितने ओवर गेंदबाजी करेगा.

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की तरह भारत में डाटा शेयर करने का नियम लागू करना मुश्किल साबित हुआ है. यूएई में 2020 में हुए आईपीएल के दौरान तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था कि रोहित शर्मा को हैमस्ट्रिंग है और ऑस्ट्रेलिया के दौरे के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया गया था. दूसरी ओर वे आईपीएल का मैच खेलने उतरे. जानकारी के मुताबिक, ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां कम से कम कुछ बड़ी फ्रेंचाइजी ने एनसीए के साथ डाटा साझा करने से इनकार कर दिया है. ऐसे में बोर्ड के लिए वर्कलोड मैनेज करना आसान नहीं रहने वाला.

बीसीसीआई की तैयारी मजबूत दिख रही है, लेकिन यह फ्रेंचाइजी पर निर्भर करेगा कि वे कितनी मदद देने को तैयार हैं. पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप से पहले भारत के प्रमुख खिलाड़ियों को या तो आराम दिया गया था या उन्होंने ब्रेक के लिए अनुरोध किया था. इस कारण खिलाड़ी सितंबर में हुए टी20 एशिया कप तक लगातार खेलने नहीं उतरे. इसका असर टीम के प्रदर्शन पर भी दिखा और भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल से हारकर बाहर हो गई. एशिया कप में तो टीम फाइनल तक में जगह नहीं बना सकी थी. पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर भी इस पर सवाल उठा चुके हैं. उनका कहना है कि खिलाड़ियों को इंटरनेशनल टूर के बजाय आईपीएल के दौरान ब्रेक लेना चाहिए.