मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर के पूर्व नगर पालिका चेयरमैन पंकज अग्रवाल की सोशल मीडिया पर फोटो के साथ फेक आईडी बनाकर उनके रिश्तेदारों, परिजनों और अन्य लोगों से आर्थिक मदद मांगकर साइबर ठगी का प्रयास किया गया है।

आपको बता दें कि एक अंजान व्यक्ति के द्वारा बुना गया यह जाल सफल नहीं हो पाया और पंकज अग्रवाल की सामाजिक प्रतिष्ठा को भुनाना ही उसके लिए भारी पड़ किया। उसको कहीं से कोई आर्थिक मदद मिलती, उससे पहले ही इस साइबर ट्रैप को सभी भांप गये और उसको फोन पर खरी खोटी सुनने को मिली। रिश्तेदारों से इस साजिश की जानकारी मिलने के बाद उद्यमी पंकज अग्रवाल ने फेक आईडी को ब्लॉक किया और इसके सम्बंध में तत्काल ही अपने फेसबुक वॉल पर अंजान साइबर ठग के बारे में जानकारी साझा करते हुए उसका मोबाइल नम्बर भी सार्वजनिक कर दिया। इस सम्बंध में खुद उनकी भी बात फोन पर इस साइबर ठग से हुई है। इसको लेकर कई रिश्तेदारों के फोन भी उनके पास आये है। इस साइबर ठगी के प्रयास के लिए उन्होंने पुलिस को कोई शिकायत नहीं की है।

जनपद मुजफ्फरनगर के प्रतिष्ठित स्वर्गीय लाला मूलचंद सर्राफ के पुत्र और प्रमुख उद्यमी पंकज अग्रवाल का नाम उत्तर प्रदेश के उद्योग जगत में जाना पहचाना है। इसके साथ ही वो नगरपालिका परिषद् के चेयरमैन पद पर रहते हुए भी अच्छी खासी लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं। पंकज अग्रवाल पेपर उद्योग से जुड़े हुए हैं और जनपद में बिन्दल पेपर मिल के मालिक होने के साथ ही वो उत्तर प्रदेश पेपर मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से उनके द्वारा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ा जा चुका है। कुल मिलाकर पंकज अग्रवाल राजनीतिक, सामाजिक और औद्योगिक क्षेत्र में एक ऐसा नाम है, जिससे हर आम ओ खास परिचित है। ऐसे में पंकज अग्रवाल की प्रतिष्ठा को भुनाने के लिए एक साइबर ठग ने बड़ी चालाकी से उनके फोटो और नाम से एक फेक आईडी बनाई और उनके नाम पर आर्थिक लाभ कमाने के लिए लोगों से पैसा मांगना शुरू कर दिया। इस साइबर ठग ने प्लान तो सॉलिड बनाया था, लेकिन उसको उसकी ही चालाकी भारी पड़ गई, क्योंकि इस साइबर ठग ने जिस व्यक्ति को अपनी साजिश का मोहरा बनाया गया, उसी पंकज अग्रवाल की प्रतिष्ठा ने उसके सारे किये कराये पर पानी फेरने का काम कर दिखाया। पंकज अग्रवाल के नाम से इस साइबर ठग ने जिसको भी फोन किया और पैसे मांगे, उसने इस साइबर ट्रेप को समझने में देर नहीं की, क्योंकि सभी लोग जानते हैं कि शायद ही पंकज अग्रवाल जैसी शख्सियत वाला आदमी किसी को फोन कर इस प्रकार से पैसों की डिमांड करता, जैसा कि वह व्यक्ति लोगों से 10, 20 या 30 हजार रुपये मांग रहा था।