मुजफ्फरनगर। मां शाकंभरी यूनिवर्सिटी सहारनपुर की ओर से बीएससी गृह विज्ञान की फीस बढ़ोत्तरी ने छात्राओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। कई गुणा फीस बढ़ जाने के कारण आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों की छात्राएं पढ़ाई छोड़ रही हैं। भविष्य के सपने अधूरे नजर आ रहे हैं। अब तक करीब 20 छात्राएं कॉलेज से अपना नाम कटवा चुकी हैं।

इन छात्राओं का कहना है कि उनके सामने कोई रास्ता नहीं है, भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। अभिभावकों का कहना है कि बेटियों को पढ़ाने की मन में चाह जरूर है, लेकिन फीस बढ़ोत्तरी से परिवार बेबस हो गए हैं। शिक्षा के लिए छात्राएं सड़क पर भी उतरी, कॉलेज से लेकर यूनिवर्सिटी तक भरोसा दिया गया, लेकिन समाधान नहीं निकला। छात्राओं का कहना है कि उनके पास नाम कटवाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।

छात्रा नैना का कहना है कि पहले कॉलेज ने 11 हजार 81 रुपये बताए थे, लेकिन अब 4100 रुपये परीक्षा फीस के अलग से बताए जा रहे है। इतनी फीस चुका नहीं पाएगी। तीन साल तक पढ़ाई करनी है, ऐसे में करीब 45 हजार रुपये खर्च होंगे, जिस कारण आर्थिक तंगी के वजह से उसने नाम कटा लिया है। इससे पहले कॉलेज की संबद्धता चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ से थे, जहां बीएससी गृह विज्ञान की तीन साल की फीस करीब 2400 रुपये ही थी।

मां शाकंभरी विश्वविद्यालय ने बीएससी गृह विज्ञान के पाठ्यक्रम को प्रोफेशनल कोर्स में शामिल किया गया है। कुछ कॉलेजों में प्रोफेशनल कोर्स में शामिल होने के कारण फीस कई गुणा तक बढ़ गई है।

छात्रा राखी, प्रियंका, ईशा, मुस्कान, महक, मुस्कान परवीन समेत करीब 20 छात्राएं ऐसी है, जिन्होंने अब तक अपना नाम कटवा लिया है।

शहर के सर्राफा बाजार की रहने वाली छात्रा नैना ने बताया कि साल 2003 में उसके पिता पवन कुमार की मौत हो गई थी। मां ही किसी तरह उन्हें पढ़ा रही है। इस बार कॉलेज में फीस इतनी महंगी हो गई है कि उसकी मां इतनी फीस जमा नहीं कर सकती। बड़ा भाई अमन बाहर नौकरी करता है, वह भी महंगी फीस देने में सक्षम नहीं है।

छात्रा नैना की मां पढ़ाई का जिक्र करते ही रूआंसी हो गई, आंखें भर आई। उनका कहना है कि बेटी तो पढ़ना चाहती है। भविष्य के लिए उसके सपने हैं, लेकिन मेरे पास रुपये नहीं है।

जैन डिग्री पीजी कॉलेज की प्राचार्या सीमा जैन का कहना है कि कुछ छात्राओं ने नाम कटाया है, उन्हें रोकने का प्रयास किया गया था। लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की बात कहकर उन्होंने नाम कटाया है।