नई दिल्ली. व‍ित्‍त मंत्रालय की तरफ से क‍िसानों की आमदनी बढ़ाने पर लगातार फोकस क‍िया जा रहा है. इसी को लेकर अब फाइनेंस म‍िन‍िस्‍ट्री की तरफ से बैंकों से देश के पिछड़े ज‍िलो में लोन ड‍िस्‍ट्रीब्‍यूशन बढ़ाने का निर्देश द‍िया है. मंत्रालय की तरफ से बैंकों को न‍िर्देश द‍िया गया क‍ि हर गांव के पांच किलोमीटर के दायरे में कम से कम एक बैंक की मौजूदगी जरूर हो. इसका मकसद क‍िसानों को आसानी से लोन मुहैया कराना और उनकी आर्थ‍िक स्‍थ‍ित‍ि को मजबूत करना है. इससे पहले सरकार की तरफ से देश के हर क‍िसान को क्रेड‍िट कार्ड जारी करने का भी न‍िर्देश द‍िया गया.

बैंक‍िंग सचिव विवेक जोशी की अध्यक्षता में आकांक्षी जिलों के लीड जिला प्रबंधकों और राज्य स्तरीय बैंक समिति संयोजकों की समीक्षा बैठक के दौरान लक्षित वित्तीय समावेशन हस्तक्षेप कार्यक्रम के अंतर्गत 112 प‍िछड़े ज‍िलों की प्रगति पर चर्चा की गई. वित्तीय समावेशन योजनाओं का प्रदर्शन और बेहतर करने के लिए बैंकों से गांवों में पंचायती राज संस्थानों की मदद से वित्तीय शिक्षा शिविर लगाने का भी आग्रह किया गया.

इसके साथ ही बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों और एसएलबीसी को इनाम और प्रोत्‍साह‍न भी द‍िया जाएगा. जोशी ने देश में वित्तीय समावेशन अभियान को बढ़ावा देने में एसएलबीसी और एलडीएम के प्रयास की सराहना की. साथ ही उनके संयोजकों से अगले छह महीने में नई ऊर्जा और जोश से काम कर लक्ष्यों को प्राप्त करने का आग्रह किया.

समीक्षा बैठक में नीति आयोग, पंचायती राज और वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी ह‍िस्‍सा लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनवरी, 2018 में पेश आकांक्षी जिला कार्यक्रम का लक्ष्य देश के सबसे पिछड़े 112 जिलों में तुरंत और प्रभावी बदलाव लाना है.