मुजफ्फरनगर के शुकतीर्थ में श्री शुकदेव संस्कृत माध्यमिक विद्यालय में ज्ञान विज्ञान, कला संगीत साहित्य की अधिष्ठात्रि देवी मां सरस्वती का अवतरण दिवस बसंत पंचमी महोत्सव उनकी पूजा आराधना के साथ समारोह पूर्वक मनाया गया।
इस अवसर पर अपने प्रवचन मे भागवत पीठाधीस्वर स्वामी ओमानन्द महाराज ने कहा कि ऋतुओं में सर्व श्रेष्ठ ऋतु प्रकृति का श्रृंगार करने वाली बसंत पंचमी मां सरस्वती का आज अवतरण दिवस है। उन्होंने कहा कि श्वेत वस्त्र धारण करने वाली मां सरस्वती का स्वरूप पूर्णिमा के चन्द्रमा की तरह और हिमालय के बर्फ के समान श्वेत होता है। ये श्वेत वर्ण उनके सत्व गुण का परिचायक होता है। हंस और मयूर उनके वाहन हैं। हंस नीर क्षीर विवेक का प्रतीक हैं।
स्वामी ओमानंद महाराज ने कहा कि मां सरस्वती की कृपा से अज्ञान रूपी अंधकार नष्ट हो जाते हैं, जिसकी रचना महर्षि याज्ञवल्क्य ने की थी। सरस्वती कवज के द्वारा भी मां सरस्वती की पूजा की जाती है, जो असंख्य मंत्रो का संग्रह है। मां सरस्वती की चेतना सारे विश्व मे व्याप्त है। मां सरस्वती ही जगत को ज्ञान विज्ञान का वरदान देती है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य गिरीश चन्द्र उप्रेती, आचार्य अरुण भट्टराई, आचार्य डॉ. अंकुश कुमार, आचार्य जानकी प्रसाद, श्रीमती जौनी रानी, आचार्य युवराज, आचार्य ठाकुर प्रसाद, दीपक जी और विद्यालय के छात्र सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रसाद का वितरण भी किया गया।