मुजफ्फरनगर में सपा ने पश्चिम में जाट राजनीति में मजबूत पकड़ बनाने के लिए पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक को राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। मलिक चार बार विधायक और एक बार राज्य सभा सांसद रहे हैं। उनका बेटा पंकज मलिक तीसरी बार विधायक है। कार्यकर्ताओं के बीच खुशी की लहर है।
पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने राजनीति की शुरूआत 1982 में बीडीसी के चुनाव से की थी। उनके भाई बघरा के ब्लॉक प्रमुख चुने गए। 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने उन्हें खतौली से टिकट दिया तो वह विधायक चुने गए। इसके बाद तीन बार बघरा से विधायक रहे।
इंडियन नेशनल लोकदल से वह राज्यसभा सांसद रहे। पूर्व सांसद ने अपने बेटे पंकज मलिक को राजनीति में आगे बढाया तो वह अब तीसरी बार विधायक बने है। इससे पहले वह शामली और बघरा से एक-एक बार विधायक रहे हैं। हरेंद्र मलिक जिले की राजनीति में सबसे कद्दावार राजनीतिक लोगों में गिना जाता है।
मलिक की गिनती जिले के सूझबूझ वाले नेेताओं में होती है। डीएवी डिग्री कॉलेज में पढते समय वह कबड्डी और कुश्ती की टीम के कप्तान रहे। हरेंद्र मलिक को राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने से सपा कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में खुशी की लहर है।