मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल तीन लाख 26 हजार 908 मामलों का निस्तारण किया।
पारिवारिक न्यायालय छह जोड़ों का फिर से मिलन कराने में सफल रहा। मोटर दुर्घटना के 118 मामलों का निस्तारण कर सात करोड़ 41 लाख 47 हजार रुपये की धनराशि प्रतिकर के रूप में दिलाई गई।

जनपद न्यायालय परिसर में लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश चवन प्रकाश ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जनपद न्यायाधीश ने राष्ट्रीय लोक अदालत की महत्ता पर प्रकाश डाला। कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करना है। वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण करते हैं तो उनके मध्य आपसी सौहार्द बना रहता है एवं उनके अमूल्य समय की बचत भी होती है।

लोक अदालत के नोडल अधिकारी अपर जिला जज शक्ति सिंह ने कहा कि न्याय सबके लिए की परिकल्पना को चरितार्थ करने को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया। लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से निपटाने का एक महत्वपूर्ण मंच है तथा त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल तीन लाख 26 हजार 908 मामलों का निस्तारण किया गया। पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण मलखान सिंह ने कुल 118 मामलों का निस्तारण कर सात करोड़ 41 लाख 47 हजार रुपये की धनराशि प्रतिकर के रूप में दिलाई। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय सत्यानन्द उपाध्याय की अध्यक्षता में सभी पारिवारिक न्यायालयों द्वारा 152 प्रकरण निस्तारित किये गये। परिवार न्यायालय से छह जोड़ों को एक साथ रहने के लिए विदा किया।

जिला अधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी के नेतृत्व में राजस्व अधिकारियों द्वारा 19315 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों, भारत संचार निगम लिमिटेड आदि के द्वारा सक्रिय सहभागिता की गयी। भारत संचार निगम लिमिटेड के द्वारा 28 मामलों का समझौते के आधार पर निस्तारण किया गया तथा बैंकों के द्वारा 1213 बैंक ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 16 करोड़ 77 लाख 54 हजार रुपये की धनराशि का सेटलमेंट किया गया। दिव्यांगजनों को बैसाखी एवं वृद्धाश्रम में निवास कर रहे वृद्धजनों को बीपी मशीन आदि वितरित की गई।

अपर जनपद न्यायाधीश जय सिंह पुंण्डीर, रजनीश कुमार, गोपाल उपाध्याय, बाबूराम, कमलापति, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज कुमार, भारतीय स्टेट बैंक के आरएम दिगविजय शर्मा, डिस्ट्रक्टि बार के अध्यक्ष अनिल जिन्दल एवं महासचिव जितेन्द्र तोमर, सिविल बार के अध्यक्ष अनिल दीक्षित एवं महासचिव ब्रिजेन्द्र कुमार उपस्थित रहे। संचालन राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी शक्ति सिंह द्वारा किया।