मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने 20 वर्ष पहले शामली में तलवार से काटकर की गई महिला की हत्या के मामले में दो सगे भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर 37-37 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सुनवाई के दौरान दो आरोपियों की मौत भी हो चुकी है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कुलदीप पुंडीर ने बताया कि हत्या का कारण जमीन की रंजिश थी। उन्होंने बताया कि वादी मुकदमा ने अपनी जमीन जरनैल सिंह को बेच दी थी। जिसका आरोपी विरोध कर रहे थे। जरनैल सिंह का आरोपियों से मुकदमा चल रहा था। मामले में मृतका ब्रह्मी देवी गवाह थी। आरोपियों के मना करने के बावजूद भी ब्रह्मी देवी ने मामले में गवाही दी थी, जिससे आरोपी रंजिश रखने लगे थे।

वादी मुकदमा ईश्वर ने बताया था कि 11-12 जून 2002 की रात को वे लोग लखविंदर और मनविंदर के मकान की छत पर सो रहे थे। बिशन, रामचरण, ओमपाल और सोमपाल ने रात के 2:00 बजे उनके घर पर हमला बोल दिया। बरामदे में सो रही उनकी मां बृह्मी देवी को उठाकर वे घर ले गए। चाकू और तलवार से हमला कर उनकी हत्या कर दी। पोक्सो एक्ट कोर्ट के जज रितेश सचदेवा ने आरोपी ओमपाल और सोमपाल को हत्या का दोषी ठहराया। कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई।