मुजफ्फरनगर. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां अपने बच्चों के तिरस्कार से दुखी एक बुजुर्ग ने अपनी पूरी संपत्ति को प्रदेश सरकार के नाम कर दिया है।
बुजुर्ग ने अपनी संपत्ति की वसीहत में कहा है कि इस जमीन पर स्कूल या फिर अस्पताल बनाया जाए। इसके साथ ही बुजुर्ग ने बच्चों से अपने अंतिम संस्कार का भी हक छीन लिया है। मामला इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।
जानकारी के मुताबिक मामला मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना तहसील क्षेत्र का है। यहां के बिराल गांव के रहने वाले 80 वर्षीय नत्थू सिंह राजपूत के एक बेटा और तीन बेटियां हैं, लेकिन किसी के पास भी उनकी देखभाल का समय नहीं है। इसके कारण वे पिछले चार महिने से खतौली के वृद्धाश्रम में रह रहे हैं।
बच्चों की बेरुखी से आहत होकर बुजुर्ग ने अपनी सारी संपत्ति को सरकार (राज्यपाल) के नाम करने का फैसला लिया। बताया गया है कि नत्थू सिंह के पास करीब डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनका एक ही बेटा है, जो सहारनपुर में सरकारी शिक्षक है।
इसके अलावा उनकी चार बेटियां हैं। बुजुर्ग की ओर से बताया गया है कि चारों बेटियों की शादी संपन्न परिवारों में हुई है। लेकिन अब किसी के पास बुजुर्ग की सेवा या देखभाल का समय नहीं है।
बुढ़ना तहसील के सब रजिस्ट्रार पंकज जैन ने बताया कि नत्थू सिंह ने अपनी संपत्ति राज्यपाल उत्तर प्रदेश के नाम कर दी है। वसीहत में उन्होंने कहा है कि मेरे मरने के बाद इस संपत्ति पर स्कूल या फिर अस्पताल बनाया जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि देहांत के बाद उनके शरीर पर शोध या अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाए।