गाजियाबाद. प्रदेश की सरकार द्वारा हर जिले में जिला प्रशासन की व्यवस्था की गई है. जहां भी जिला प्रशासन का दफ्तर होता है. वहां पर जिले के कई आला अधिकारी बैठते हैं. गाजियाबाद कलेक्ट्रेट दफ्तर में भी जिलावासी इंसाफ की उम्मीद लेकर पहुंचते हैं. लेकिन गाजियाबाद कलेक्ट्रेट में आवारा कुत्तों ने अपना बसेरा जमा रखा है. यूं तो गाजियाबाद में कुत्तों के हमले कोई नई बात नहीं है. कभी यह कुत्ते लिफ्ट में चल रहे मासूम बच्चों पर हमला करते हैं, तो कभी पार्क में खेल रहे बच्चों को अपना शिकार बनाते हैं. लेकिन हद तो तब हो गई जब कलेक्ट्रेट ऑफिस में भी आवारा कुत्तों का आतंक दिखा.
अक्सर कोई भी फरियादी अपनी शिकायत लेकर पहले जिलाधिकारी महोदय के पास पहुंचता है. ठीक उसी तरीके से वीडियो में भी एक कुत्ते को देखा जा सकता है. जो कुत्ता पहले जिला अधिकारी राकेश कुमार सिंह के कमरे के बाहर जाता है और जब वहां बात नहीं बनती तो कुत्ता एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास के दफ्तर की तरफ बढ़ जाता है और फिर वह कुत्ता आगे निकल जाता है.
इस वीडियो में कई कुत्तों को इधर से उधर घूमते देखा जा सकता है. एक कुत्ता ऐसा भी दिखा जो पुरुष शौचालय में घुस रहा है. ऐसे में यह सवाल मन में आता है कि आमतौर पर कुत्तों को पेशाब आने पर वह दीवार या फिर अन्य किसी वस्तुओं पर ही शौच करते हैं. लेकिन कलेक्ट्रेट में रहने वाले यह कुत्ते शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. शायद कलेक्ट्रेट की दीवारों पर लगे स्वच्छता संदेश को इन कुत्तों ने काफी अहमियत दी है.
गाजियाबाद कलेक्ट्रेट ऑफिस में रोजाना कई फरियादी और शिकायतकर्ता पहुंचते हैं. इनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी होते हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक नहीं बल्कि तीन चार कुत्ते अपनी मर्जी से कलेक्ट्रेट में यहां-वहां घूम रहे हैं. ऐसे में गाजियाबाद प्रशासन पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है. नाम ना छापने की शर्त पर हमारी टीम को एक फरियादी ने बताया कि वह कई बार इन कुत्तों को आपस में झगड़ते हुए देखते हैं. अधिकारियों के पास इसकी शिकायत करने पर वह भड़क उठते हैं.