नई दिल्ली. सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान कर दिया. वित्त मंत्री ने नई पेंशन योजना में सुधार की गुंजाइश के मद्देनजर वित्त सचिव की अगुआई में एक कमेटी गठित करने की बात कही. इस कमेटी की तरफ से रिपोर्ट दिये जाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि कर्मचारियों के फायदे में एक और कदम आगे बढ़ेगा. साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सरकारी कर्मचारियों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की जा रही है.
पांच राज्य सरकारों की तरफ से पुरानी पेंशन की बहाली को मंजूदी दे दी गई है. इसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक के कर्मचारि सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने लगे. कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए दोनों सरकारों को पुरानी पेंशन बहाल करने का आश्वासन देना पड़ा. केंद्र में वित्त सचिव की अगुआई में जिस कमेटी का गठन किया जाएगा, उम्मीद की जा रही है कि उसकी तरफ से कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखकर बीच का रास्ता निकाला जाएगा. आइए जानते हैं दोनों पेंशन योजना में क्या अंतर है और कर्मचारियों को किसमें ज्यादा फायदा है?
इस योजना में सेवानिवृत्ति के वक्त कर्मचारी को वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है. पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत जनरल प्रोविडेंट फंड का प्रावधान दिया गया है. इस योजना में कर्मचारी को 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलने की सुविधा है. हर छह महीने बाद इसमें डीए बढ़ाया जाता है. इस योजना के तहत पेंशन की राशि का भुगतान सरकार के खजाने यानी ट्रेजरी से होता है. सेवानिवृत कर्मचारी की मौत होने पर नियमानुसार पेंशन की राशि उसके परिजनों को मिलती है. इस योजना में कर्मचारी के वेतन से किसी प्रकार की राशि नहीं काटी जाती.
नई पेंशन योजना बेसिक सैलरी और डीए का 10 प्रतिशत हिस्सा कटता है. राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) पूरी तरह से शेयर बाजार की चाल पर आधारित है. इसमें 60 वर्ष के बाद पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 प्रतिशत निवेश करना होता है. यानी आपको 60 प्रतिशत पैसे में से पेंशन मिलती है. इस योजना में रिटायरमेंट के बाद पेंशन की गारंटी नहीं है. न ही परिजनों के लिए कोई सुविधा है. इसमें डीए बढ़ने का भी कोई प्रावधान नहीं है.
आपको बता दें अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में पुरानी पेंशन योजना को खत्म किया गया था. साथ ही जनवरी, 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया गया था. दरअसल, एनपीएस अंशदान पर आधारित पेंशन योजना है और इसमें महंगाई भत्ते का कोई प्रावधान नहीं होता.