मुजफ्फरनगर। ईस्टर्न डेडिकेटेड रेल कॉरिडोर पर शुक्रवार की रात भारतीय रेल के दो इंजनों ने दौड़ाया गया। पहली बार नए ट्रैक पर दो इंजनों का इंटीग्रेटेड ट्रायल के दौरान 100 किमी प्रति घंटे से ज्यादा गति से दौड़ना नया कीर्तिमान बताया गया है। दिल्ली डीएफसीसी के डायरेक्टर से परियोजना की सराहना करते हुए प्रोत्साहन राशि के रूप में इनाम देने की घोषणा की है।
शुक्रवार को एलएंडटी कंपनी की ओर से खुर्जा से पिलखनी तक तैयार किए जा रेल कॉरिडोर पर पहला ट्रायल सफल होने पर अधिकारी गदगद है। हालांकि बारिश के कारण मालगाड़ी के डिब्बों को लेकर गाड़ी जल्द ट्रैक पर दूसरे ट्रायल के उतारा जाएगा। न्यू खुर्जा स्टेशन से न्यू खतौली तक 134 किलोमीटर के ट्रायल में कहीं कोई बाधा नहीं आई। गाजियाबाद, हापुड़ बुलंदशहर, मेरठ, मुजफ्फरनगर से होकर ट्रैक पर इंजनों का दौड़ाया गया था।
खतौली से सहारनपुर के पिलखनी तक पैकेज का मामूली कार्य चल रहा है। खतौली से सहारनपुर तक कार्य को पूरा कराकर मालगाड़ी दौड़ाना कंपनी का लक्ष्य है। ट्रायल रन में ओएचई, इलेक्ट्रिकल सिग्लगिंग एवं ट्रैक का परीक्षण कराया गया। विश्व बैंक की टीम ने पिछले दिनों भ्रमण के दौरान डीएफसी के अधिकारियों के साथ ट्रैक का मुआयना करने खतौली पहुंची थी। कार्यदायी कंपनी के परियोजना निदेशक ने सफल ट्रायल के लिए टीम की सराहना की है।
एलएंडटी के प्रशासनिक अधिकारी रमन चौधरी ने बताया कि रेल कॉरिडोर औद्योगिक विकास में नए आयाम स्थापित करेगा। इस ट्रैक पर भी आने वाले दिनों में भारतीय रेल सुपर एक्सप्रेस का संचालन कर सकता है। यात्री रेल ट्रैक पर गाड़ियों की अधिकता और तेज गति से दौड़ने वाली रेलगाडि़यों को इस ट्रैक का प्रयोग करने की योजना तैयार की जा रही है। गंतव्य तक पहुंचने वाली जिन रेलगाड़ियों का ठहराव कम और लंबी दूरी पर जाएगी। उन गाड़ियों को इस ट्रैक पर चलाना किफायती और सुरक्षित रहेगा। जल्द ही आखलौर से पिलखनी तक काम पूरा करा लिया जाएगा। सिर्फ कुछ दूरी में मिट्टी और पटरी बिछाने का का कार्य अवशेष है। इसे 30 जून तक पूरा करने का लक्ष्य है। पहली बार ट्रैक पर इंजनों का 103 किलोमीटर की गति से दौड़ना अचंभित करने वाला है। लोको पायलटों ने भी दमदार ट्रैक की प्रशंसा की है।