मुजफ्फरनगर। छह दिन वन स्टॉप सेंटर पर रहने के बाद एक गांव की युवती को उसकी मर्जी से जीवन साथी के साथ भेज दिया गया। युवती ने मां-बाप के साथ जाने से मना कर दिया। छपार पुलिस को पत्र लिखकर दोनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।
बाल संरक्षण अधिकारी नीना त्यागी ने वन स्टॉप सेंटर के इंचार्ज का कार्यभार संभालने के बाद छपार थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती से बातचीत की। उससे माता पिता अथवा दतियाना के युवक में से एक के साथ जाने के लिए कहा। युवती ने कहा कि दतियाना के युवक को अपना जीवन साथी चुना है और उसके साथ आर्य समाज के रीति रिवाज से विवाह किया है। इस पर स्टॉप सेंटर पर युवक को बुलाया गया और उसके बातचीत की गई। युवक के परिवार वालों ने रजामंदी जाहिर की। इसके बाद दोनों को छपार पुलिस सुरक्षा में दतियाना भेज दिया गया।
वन स्टॉप इंचार्ज की ओर से छपार पुलिस और एसएसपी को एक पत्र भी लिखा गया, जिसमें दोनों की सुरक्षा की बात कही गई। सिटी मजिस्ट्रेटअभिषेक सिंह ने बताया कि लड़की बालिग है और उसे अपना निर्णय खुद लेने का अधिकार है। उसी के निर्णय के आधार पर उसे उसके जीवन साथी के सुपुर्द कर दिया गया है।
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