मुजफ्फरनगर। कुख्यात अनिल दुजाना ने रंगदारी नहीं देने पर छपार में दो खाद व्यापारी भाइयों की हत्या कर दहशत फैला दी थी। जिला कारागार में विक्की त्यागी से दुश्मनी रही। जेल में दुजाना ने पश्चिम यूपी के बदमाशों को अपने साथ मिलाकर गैंग बनाया और आसपास के जिलों में आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया। बागपत जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी से नजदीकियों के चलते ही दुजाना ने रेलवे की ठेकेदारी में भी अपने हाथ बढ़ाने शुरू कर दिए थे।

छपार के रोबिन त्यागी और अमन उर्फ माया त्यागी के साथ नजदीकियों के चलते कुख्यात अनिल दुजाना की छपार थाना क्षेत्र में सक्रियता बढ़ी। खाद व्यापारी संजीव त्यागी का प्रधान पद के चुनाव को लेकर रोबिन त्यागी पक्ष से मनमुटाव हुआ। इसके बाद संजीव त्यागी को दस लाख की रंगदारी की चिट्ठी भेजी गई। रंगदारी नहीं मिली तो अनिल दुजाना ने गैंग ने आठ जनवरी 2012 को दिन निकलते ही छपार में दुकान खोल रहे खाद व्यापारी संजीव त्यागी की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। आरोपी अमित और अनिल दुजाना को इसी दिन शाम को ही पुलिस ने मुठभेड़ मेंं आधुनिक हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था।

व्यापारी संजीव त्यागी की हत्या के मुकदमे में गवाह उसके भाई राजीव त्यागी की 18 अक्टूबर 2013 को पुलिस अभिरक्षा में सुबह के समय दुकान खोलते हुए गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान दुजाना गैंग का सुशील जाट पुलिस की गोली लगने से मारा गया था। जिस समय संजीव त्यागी की हत्या की थी, उस समय अनिल दुुजाना पर पचास हजार का इनाम था। छपार में अनिल दुजाना पर सात मुकदमे दर्ज किए गए थे।

दुजाना गिरोह ने अत्याधुनिक हथियारों से खाद व्यापारी पर हमला किया था। पीड़ित पक्ष के घर पर पांच सिपाही और डेढ़ सेक्शन पीएसी तैनात थी। इसके बावजूद भी गिरोह के सदस्यों ने व्यापारियों के घर दो बार फायरिंग की थी।

कुख्यात अनिल दुजाना ने जिला कारागार में परीक्षितगढ़ के कर्नल गिरी, किनौनी के नीरज, अलीपुर के मोनू गुर्जर को मिला लिया था। इससे मेरठ और मुजफ्फरनगर में भी वह वारदात अंजाम देने लगा था।

जिला कारागार में वर्चस्व को लेकर विक्की त्यागी की अनिल दुजाना से अदावत हो गई थी। यही वजह है कि विक्की त्यागी ने मंसूरपुर में दुजाना गैंग के रोबिन त्यागी पर पुलिस सुरक्षा में हमला कराया था। इस हमले में सिपाही मारा गया था।

मुजफ्फरनगर। छपार के खाद व्यापारी राजीव त्यागी की हत्या का मामला अदालत में विचाराधीन है। पिछले महीने ही अनिल दुजाना ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अयोध्या जेल से अदालत में व्यक्तिगत हाजिरी लगवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परविंद्र सिंह ने बताया कि अनिल दुजाना और जोगेंद्र जुगाला ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे अदालत ने निरस्त कर दिया था। अभियोजन पक्ष ने पुलिस अधीक्षक नगर की आख्या के माध्यम से अदालत में बताया था कि आरोपियों की पेशी के लिए एक सीओ, दो निरीक्षक, चार उपनिरीक्षक, आठ मुख्य आरक्षी, बीस आरक्षी और छह महिला आरक्षी की आवश्यकता है। निकाय चुनाव के कारण पुलिस ने इतनी सुरक्षा व्यवस्था होने से इन्कार किया था। इसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही उसकी पेशी हो रही थी।