नई दिल्ली. ब्लड शुगर स्तर में परिवर्तन डायबिटीज की एक स्थिति का कारण होता है, जिससे करीब 80 मिलियन (8 करोड़) भारतीय पीड़ित हैं. तो कब आपका ब्लड शुगर ज्यादा होने से डायबिटीज का कारण बन सकता है? हाई ग्लाइकेमिक इंडेक्स वाली डाइट से, असंतुलित आहार से, व्यायाम की कमी से या अन्य कारणों से ब्लड शुगर स्तर में अनियमितता होती है. उच्च ब्लड शुगर लेवल के कारण व्यक्ति डायबिटीज का शिकार हो जाता है.

फास्टिंग में ब्लड शुगर 125 mg/dL से अधिक होने पर डायबिटीज माना जाता है और ब्लड शुगर 100 से 125 mg/dL को प्रीडायबिटीज माना जाता है. डायबिटीज के लिए फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट को सोने से पहले किया जाता है क्योंकि टेस्ट से पहले शरीर में कोई भी शुगर नहीं होती है. टेस्ट से पहले भूखा न रहने से आपका ग्लूकोज स्तर बढ़ सकता है और आपको ब्लड शुगर का सही मापन नहीं मिल पाता. आज हम बात करेंगे कि ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव क्यों आता है और इसे कैसे कंट्रोल में रखा जाए.

ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव का सबसे बड़ा कारण खुराक होता है. आपकी खुराक जितनी बढ़ जाएगी, आपका ब्लड शुगर उतना ही हाई होगा.

खुराक के साथ-साथ आपके भोजन में उच्च तेल या उच्च कार्बोहाइड्रेट होने से भी आपके ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव हो सकता है.

व्यायाम आपके ब्लड शुगर के स्तर पर भी असर डालता है. अधिक व्यायाम करने से आपका ब्लड शुगर कम हो सकता है, जबकि व्यायाम न करने से ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव हो सकता है.

ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव का एक और कारण स्वास्थ्य स्थिति होता है. यदि आपके शरीर में रोगी कोशिकाएं इंसुलिन को उत्पादित नहीं करतीं हैं, तो आपका ब्लड शुगर हाई हो सकता है.

तनाव एक साइलेंट किलर है और इस तथ्य को हमने कुछ साल पहले ही समझना शुरू किया है. मायो क्लिनिक के अनुसार, शारीरिक या इमोशनल तनाव हार्मोन रिलीज को ट्रिगर करता है जो हाई ब्लड शुगर लेवल का कारण बन सकता है.