नई दिल्ली। बृजभूषण शरण सिंह 13 मई 2023 को तकनीकी रूप से रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नहीं रहे। भारतीय ओलंपिक संघ ने शनिवार 13 मई को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के सभी निवर्तमान पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से महासंघ के किसी भी प्रशासनिक समारोह में हिस्सा लेने और आर्थिक कामकाज पर रोक लगा दी। आईओए का ताजा फैसला जंतर-मंतर पर देश के शीर्ष पहलवानों के धरने के मद्देनजर अहम माना जा रहा है।

आईओए ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है। बयान में खेल मंत्रालय के 24 अप्रैल 2023 के दिए आदेश का हवाला दिया गया है। आईओए ने डब्ल्यूएफआई से सभी दस्तावेज, खातों और विदेश में होने वाली या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भेजी जाने वाली एंट्री का लॉगिन, वेबसाइट संचालन तत्काल सौंपने को कहा है। खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडरेश ऑफ इंडिया के Null And Void (कानूनन अमान्य) घोषित कर दिए थे।

खेल मंत्रालय ने आईओए की अस्थायी समिति को महासंघ के चुनाव कराने और उसके संचालन का जिम्मा भी सौंप दिया था। आईओए का यह फैसला ऐसे समय आया है, जिस दिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आए। खबर लिखे जाने तक चुनाव नतीजों में भाजपा के हाथ से कर्नाटक की सत्ता खिसकती नजर आ रही है और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते दिख रही है।

वहीं, एक दिन पहले यानी 12 मई 2023 को बृज भूषण शरण सिंह ने दिल्ली पुलिस के पास अपने बयान दर्ज कराए थे, जिसमें उन्होंने खुद को बेगुनाह बताया था। बृज भूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

बयान में कहा गया है कि तदर्थ समिति ने पहले ही काम करना शुरू कर दिया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि आईओए की ओर से नियुक्त तदर्थ समिति खेल संहिता के तहत राष्ट्रीय खेल महासंघ के सभी कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाएगी। तदर्थ समिति के अस्तित्व में आने के साथ ही WFI के निवर्तमान पदाधिकारियों की महासंघ के किसी भी काम (प्रशासनिक, आर्थिक मामलों या अन्य) में कोई भूमिका नहीं होगी।

बयान में यह भी कहा गया, डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे वेबसाइट प्रबंधन, वित्तीय साधनों, अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी के लिए प्रविष्टियां करने के लिए लॉगिन विवरण आदि समेत सभी आधिकारिक दस्तावेजों को तत्काल तदर्थ समिति को सौंप दें।