मुजफ्फरनगर । उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आज हिंद मजदूर किसान समिति के आह्वान पर जीआईसी के मैदान में किसान महापंचायत का ओयाजन किया गया। इस महापंचायत पर भी सभी की निगाहें लगी रहीं।
किसानों की समस्याओं और मांगों को लेकर बुलाई गई महापंचायत में मुख्य वक्ता परमधाम न्याय के क्रांतिकारी गुरु चंद्रमोहन महाराज और गठवाला खाप के चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक मंच पर पहुंचे। पंचायत में मुजफ्फरनगर के अलावा मेरठ, बिजनौर, शामली, सहारनपुर के किसान-मजदूर ट्रैक्टर लेकर यहां पहुंचे। इस दौरान किसान नेता चंद्रमोहन ने कहा कि प्रदेश सरकार को किसानों की पीड़ा को समझना होगा।
किसान नेताओं का कहा कि पांच सितंबर की किसान महापंचायत में किसानों के गन्ना मूल्य, बकाया भुगतान समेत अन्य मुद्दे नहीं उठाए गए, इसलिए आज किसान महापंचायत का आयोजन कर किसानों की समस्याओं से राज्य सरकार को अवगत कराया गया। किसान महापंचायत में अध्यात्मिक किसान नेता चंद्रमोहन ने कहा कि प्रदेश सरकार को किसानों की पीड़ा समझनी चाहिए। यहां के किसानों को हरियाणा और पंजाब से अधिक गन्ने का नाम मिलना चाहिए। हालांकि आज शाम को सीएम योगी ने लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में गन्ना मूल्य में 25 रुपये वृद्धि करते हुए चार साल बाद गन्ना मूल्य में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि कर दी है।
मुजफ्फरनगर में आज हुई किसान महापंचायत में अध्यात्मिक किसान नेता चंद्रमोहन ने कहा कि प्रदेश सरकार को किसानों की पीड़ा समझनी चाहिए। यहां के किसानों को हरियाणा और पंजाब से अधिक गन्ने का नाम मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गन्ना का उत्पादन भगवान राम के वंशज ने किया था। गन्ना किसानों की उपेक्षा भगवान राम का अपमान है। चंद्रमोहन ने कहा कि योगी सरकार का हम आभार वक्त करते हैं और अपनी पीड़ा भी बताते हैं। सरकार ने अच्छी सड़कें बनवाई, बिजली अच्छी आ रही है, गौ हत्या बंद कराई इसके लिए आभार है, लेकिन चार साल में गन्ने के दाम नहीं बढ़ाए।
कहा कि बिजली मिल रही है, तो दाम बढ़ गए हैं। सड़के अच्छी बनी हैं, तो पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं। आवारा पशु किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। इन समस्याओं का भी निदान होना चाहिए। इससे किसान और आमजन परेशान है।
उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए डायल 112 जैसी कॉल सुविधा होनी चाहिए। गन्ने का भाव पंजाब और हरियाणा से ज्यादा मिलना चाहिए। एमएसपी की गारंटी का कानून किसानों का हक है जो मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार गन्ने को राष्ट्रीय फसल घोषित करें। गन्ने पर शोध कर एथेनॉल का अधिक से अधिक प्रयोग करें।
गठवाला खाप के बाबा राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि 5 सितंबर को हुई पंचायत किसान पंचायत नहीं थी, किसान महापंचायत आज है, जिसमें किसानों की समस्याओं का उठाया गया है। कहा कि योगी सरकार इस कार्यक्रम को देख रहे हैं। प्रदेश के मुखिया के नाते हम उनका सम्मान करते हैं। हम सरकार की नीतियों के विरोधी हैं। चार साल से गन्ने का भाव नहीं बढ़ा।
अब चार साल के हिसाब से 20 पैसे प्रति किलो की दर से ही भाव बढ़ते किसानों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान सरकार को बनाना जानते हैं तो उसे उखाड़ भी सकते हैं। राजेंद्र सिंह ने चेतावनी दी कि किसानों की समस्याओं का निदान नहीं हुआ तो किसान लखनऊ भी कुछ कर सकते हैं। उन्होंने सरकार से एक सप्ताह में किसानों की समस्याओं का निदान करने की मांग की है।
हिंद मजदूर किसान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजपाल सिंह और गठवाला खाप के बाबा चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक ने जीआईसी के मैदान में ही 26 सितंबर को किसान महापंचायत करने का एलान किया था।
उनका कहना था कि पांच सितंबर की किसान महापंचायत में किसानों के गन्ना मूल्य, बकाया भुगतान समेत अन्य मुद्दे नहीं उठाए गए, इसलिए किसान महापंचायत का आयोजन कर किसानों की समस्याओं से राज्य सरकार को अवगत कराया जाएगा।