खतौली (मुजफ्फरनगर)। डीएम द्वारा गठित टीम की जांच पूरी होने के बाद गलत पाए गए जाति प्रमाणपत्र खारिज किए जाने के बाद खतौली तहसीलदार ने नव निर्वाचित हाजी शाहनवाज लालू का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया। आदेश में लिखा है कि निरस्त जाति प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया गया तो इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

खतौली नगरपालिका सीट इस बार पिछड़ी जाति में आरक्षित की गई थी। चुनाव लड़ने के लिए हाजी शाहनवाज लालू ने अपना जाति प्रमाणपत्र पिछड़ी जाति का बनाया। हाजी शाहनवाज लालू चुनाव जीत गए। चुनाव जीतने के बाद उनके सामने चुनाव हारने वाले कृष्णपाल सैनी तथा जमील अहमद ने जनवाणी पर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने की शिकायती की थी। जिसके बाद डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गठित की।

टीम ने जांच में पाया कि हाजी शाहनवाज लालू पिछला चुनाव सामान्य सीट पर लड़े थे। जिस स्कूल में वह पढ़े वहां पर भी उनकी जाति शेख दर्ज पाई गई। अन्य कागजों में भी उनकी जाति सामान्य पाई गई। जिसके बाद डीएम ने 29 मार्च 2023 को जारी किए गए जाति प्रमाणपत्र को निरस्त करने के आदेश तहसीलदार खतौली को दिए थे। तहसीलदार ने डीएम के आदेश के बाद उक्त जाति प्रमाण पत्र निरस्त करते हुए शिकायतकर्ताओं के साथ हाजी शाहनवाज लालू को भी एक-एक प्रति उपलब्ध करा दी है।

आदेश में तहसीलदार आरती यादव ने लिखा है कि यदि यह जाति प्रमाणपत्र कहीं इस्तेमाल किया गया तो उपयोग कर्ता के खिलाफ सुसंगत धाराओं में विधि के अनुकूल कार्रवाई की जाएगी।

नव निर्वाचित चेयरमैन हाजी शाहनवाज लालू का कहना है कि उन्हें व्हाट्सअप के माध्यम से जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने की सूचना मिली है। उनके पास कोई पत्र नहीं आया। वह कमिश्नर के यहां अपील करेंगे।