इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किसान नेता जगवीर सिंह की हत्या के मामले में आरोपी भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैट के ट्रायल को मुजफ्फरनगर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार की अदालत से स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यह आदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने किसान नेता जगवीर सिंंह के बेटे पूर्व मंत्री योगराज की ओर से दाखिल स्थानांतरण प्रार्थना पत्र की सुनवाई करते हुए दिया।

गौरतलब है कि पूर्व मंत्री योगराज के पिता किसान नेता जगवीर सिंह की वर्ष 2003 में हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप में योगराज ने भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत समेत तीन लोगों के खिलाफ भउखरा कलां थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। विवेचना के बाद मामले का विचारण मुजफ्फरनगर के जिला एवं सत्र न्यायधीश की अदालत में चल रहा है।
याची योगराज ने वर्तमान पीठासीन अधिकारी अपर सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार की अदालत पर अविश्वास जताते हुए मामले को मुजफ्फरनगर से दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने योगराज की याचिका खारिज करते हुए छह महीने में विचारण में पूर्ण करने का आदेश दिया था।

मुजफ्फरनगर में चल रहा विचारण अंतिम सुनवाई के स्तर पर है। इस बीच योगराज ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरण प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया। याची की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि याची पीठासीन अधिकारी अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं है।

उन्हें इस अदालत से न्याय की उम्मीद नहीं है। इसलिए यह मामला किसी अन्य पीठासीन अधिकारी की अदालत में स्थानांतरित कर दिया जाए। राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने भी स्थानांतरण प्रार्थना पत्र का विरोध नहीं किया।

उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद स्थानांतरण प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए कहा कि विचारण अपने अंतिम सुनवाई के स्तर पर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार छह माह में विचारण पूर्ण किया जाना है। उच्च न्यायालय ने याची की याचिका को बलहीन बताते हुए खारिज कर दिया।