मुजफ्फरनगर। जिला पंचायत की आज बुलाई गई बोर्ड बैठक को लेकर विपक्ष ने भारी हंगामा किया। बैठक शुरू होने से पहले ही विपक्षी सदस्यों के साथ रालोद और सपा नेताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। विपक्ष ने जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके वार्डों से जो विकास प्रस्ताव भेजे गये थे उनकी अनदेखी की जा रही है। डीएम से विपक्ष ने बोर्ड बैठक को निरस्त करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।

गुरूवार को जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल ने एक बजे कलेक्ट्रेट स्थित चौ. चरण सिंह सभाकक्ष में बोर्ड मीटिंग बुलाई। इसके लिए अपर मुख्य अधिकारी द्वारा सभी सदस्यों को एक पृष्ठ का एजेंडा भेज दिया गया था। इसको लेकर आज जिला पंचायत में विपक्ष के नेता सदस्य सतेन्द्र बालियान के साथ सभी विपक्षी सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल के खिलाफ प्रदर्शन किया। इन लोगों ने इस बोर्ड बैठक को नियम विरु( बताते हुए निरस्त करने की मांग की।

इसके बाद विपक्षी गुट ने डीएम चंद्रभूषण सिंह को एक ज्ञापन दिया, जिसमें इस बैठक की वैधानिकता पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि अपर मुख्य अधिकारी द्वारा बोर्ड बैठक के लिए जारी एजेंडा उनको दो दिन पहले ही मिला है। इसके साथ कार्यसूची नहीं भेजी गयी है, जबकि नियम है कि कम से कम 10 दिन पहले सदस्यों को एजेंडा उपलब्ध कराया जाये। जिला पंचायत सदस्य सतेन्द्र बालियान ने बताया कि इस बैठक के लिए पहले 17 सितम्बर को एजेंडा जारी किया गया और 28 सितम्बर को बैठक बुलाई, लेकिन 18 सितम्बर को संशोधित एजेंडा जारी करते हुए बैठक की तिथि 30 सितम्बर कर दी गयी। इसके साथ ही एजेंडा विपक्षी सदस्यों को दो दिन पहले ही मिला है। एजेंडा में वर्ष 2021-22 में पंचम राज्य वित्त एवं 15वे वित्त के अन्तर्गत प्राप्त होने वाले अनुदान की कार्य योजना की सहमति पर विचार के लिए एजेण्डा के साथ कार्य योजना की कोई प्रतिलिपि सदस्यों के पास नहीं भेजी है। विपक्ष ने यह भी आपत्ति की है कि विधायक उमेश मलिक और विधायक प्रमोद उटवाल के 48 निर्माण कार्य के प्रस्ताव शामिल हैैं, लेकिन कार्यसूची नहीं दी गई है। जो कि एक घोर अनियमित्ता हैं तथा पद का दुरपयोग करते हुए एजेण्डा भेजा गया हैं। उन्होंने कहा कि किन – किन जिला पंचायत मेम्बरो के क्षेत्र में कार्य किये जाने है। इनकी सूची तथा पूरे 1 वर्ष के कार्य की सूची एजेण्डे के साथ संलग्न होनी चाहिए थी। उन्होंने इस बैठक को निरस्त कराने की माग करते हुए कहा कि सभी 43 सदस्यों के प्रस्ताव कार्य योजना में शामिल कर एजेण्डा कार्य योजना की सूची सहित भेजा जाए। विपक्ष ने बताया कि इसी आपत्ति पर शामली में डीएम ने जिला पंचायत की बोर्ड बैठक निरस्त की है।

विपक्ष की आपत्ति को दर्ज करते हुए डीएम ने इस मामले में जिला पंचायत के मुख्य अधिकारी सीडीओ को जांच के निर्देश देकर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि बैठक को ऐसे निरस्त नहीं किया जा सकता है। बैठक में कार्यवाही नियमानुसार चले, इसके लिए उन्होंने पर्यवेक्षक की भी नियुक्ति की है। सीडीओ से रिपोर्ट आने पर उसको मण्डलायुक्त को भेज दिया जायेगा।

प्रदर्शन में मुख्य रूप से रालोद नेता पूर्व मंत्री योगराज सिंह, पूर्व विधायक अनिल कुमार, सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी एड., सपा नेता राकेश शर्मा, रामनिवास पाल, विनय पाल प्रमुख, विपक्ष के नेता सतेन्द्र बालियान, सदस्य अंकित बालियान, इरशाद चौधरी, यूनुस चौधरी एड., सईदुज्जमा, विकास कुमार, विकास शर्मा, सदस्य पति मौमीन जौला, अमीर कासिम एड., संजय रवि, पूर्व सदस्य महबूब जौला आदि मौजूद रहे।