मुजफ्फरनगर। किसान नेता चौधरी जगबीर सिंह की हत्या के मामले में दोनों पक्षों की अदालती बहस की प्रक्रिया पूरी हो गई है। चर्चित मामले में अदालत ने फैसले के लिए 17 जुलाई नियत की है। भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत मामले में आरोपी है। अपर सत्र न्यायालय (विशेष न्यायालय गैंगस्टर एक्ट) कोर्ट नंबर पांच के पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार ने सुनवाई की।

बुधवार को मामले की सुनवाई हुई। भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत की ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र दिया गया। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल और अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी अमित त्यागी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र गर्ग, एलएन शर्मा और संदीप त्यागी ने न्यायालय के समक्ष तर्क प्रस्तुत किए। पीठासीन अधिकारी ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद निर्णय के लिए पत्रावली सुरक्षित रख ली है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनिल जिंदल से बहस पूरी होने के बाद मुकदमे में निर्णय में लगने की पुष्टि की है। इससे पहले योगराज सिंह ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था।

किसान नेता जगबीर सिंह की छह सितंबर 2003 को भौराकलां थाना क्षेत्र के अलावलपुर माजरा गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पूर्व मंत्री एवं रालोद नेता योगराज सिंह ने मामले में राजीव उर्फ बिट्टू और प्रवीण के अलावा सिसौली निवासी भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया था। मुकदमे के विचारण के दौरान प्रवीण और बिट्टू की मौत हो चुकी है। जांच में पुलिस और सीबीसीआईडी ने चौधरी नरेश टिकैत को क्लीन चिट दे दी थी। मगर, सत्र परीक्षण शुरू होने पर वादी के बयान अंतर्गत धारा 319 के तहत अदालत ने उन्हें आराेपी के रूप में तलब किया था। तब से नरेश टिकैत के खिलाफ मुकदमा विचाराधीन है।