गांव न्यामू के किसान कुलदीप त्यागी कहते है उनके गांव के करीब 500 बीघा जमीन में पानी भर गया। 25 बीघा से ज्यादा ईख खराब हो गया। कुल्हेड़ी में 3200 बीघा जमीन हिंडन पर खेती करते है। इकबाल ने बताया नदी के पास फरमान, गफ्फार सहित चार लोगों के घरों में पानी भर गया। बमुश्किल जेसीबी से मिट्टी लगवाकर बचाव किया। पछेता ईख, धान और गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। नंगला राई की करीब एक हजार, कसौली की 2800 बीघा सहित अकबरगढ़, न्यामू और पीपलशाह की कई हजार बीघा फसलों को नुकसान हुआ है।
कसौली-बुड्ढाखेड़ा मार्ग पर हिंडन का पानी तीसरे दिन ज्यादा रफ्तार से बह रहा है। गांव के श्मशान घाट के पास सड़क छोड़कर एक मीटर से ज्यादा गहरे गड्ढे बन गए। पानी का तेज बहाव और जोखिम भरा है। ग्रामीण अरुण कुमार, जयप्रकाश, जयकुमार, सूबेदार ध्यान सिंह, पवन सिंह, प्रधान नंदकुमार कश्यप, मास्टर मामचंद आदि ने प्रशासन से मांग हैं कि पुल के दोनों और बड़ी पुलिया बनवाई जाएं। नदी में पानी कम होने पर तत्काल सड़क निर्माण कराया जाएं, ताकि इस मार्ग से सहारनपुर तक आवागमन पहले की तरह चालू हो जाए।
कसौली ग्राम प्रधान नंद कुमार कश्यप ने बताया 100 गोवंश पशुओं को चरथावल, रोहाना, बधाई कलां और बुड़ीना गोशाला में भिजवाया है। गांव में बनी गोशाला तक पानी आने से उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेजा है।
हिंडन नदी में उफान से हुए नुकसान का मुआयना करने क्षेत्रीय विधायक पंकज मलिक कसौली पहुंचें। विधायक ने कहा कि किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। लोगों ने उन्हें बताया कि 50 साल बाद ऐसी त्रासदी आई है। पशुओं का चारा नहीं बचा। सरकार नुकसान का आंकलन कराकर किसानों को मुआवजा देने की व्यवस्था करें। शासन में भी इस मांग को रखा जाएगा। पूर्व प्रधान के पति ठाकुर सुखपाल सिंह, भाकियू (अराजनैतिक) के ब्लॉक अध्यक्ष कुशलवीर सिंह उनके साथ रहे।