मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड में पीड़िताओं को वारंट तामील कराने में सीबीआई को मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। उत्तराखंड़ में बारिश और हादसे में 16 लोगों की मौत की वजह से वारंट तामील नहीं हो सके। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-सात में अब प्रकरण की सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह और जोगेंद्र गोयल ने बताया कि सीबीआई ने अदालत को बताया कि उत्तराखंड़ में भारी बारिश के चलते चमोली की सड़कें बाधित हैं।
हादसे में 16 लोगों की मौत की वजह से गोपेश्वर थाने का स्टाफ व्यस्त है। इसी वजह से वारंट तामील नहीं हो सका। सीबीआई ने समय मांगा है, जिस पर अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने सीबीआई को 31 जुलाई तक का समय दिया है।
एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया।
आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। गंभीर धाराओं के सेशल ट्रायल मुकदमों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने जिले के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को अधिकृत किया है।