लखीमपुर खीरी। खुफिया इकाइयों के इनपुट के बाद अफसरों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद के वहां पहुंचने का रास्ता बदल दिया था। हवाई मार्ग के बजाय वह सड़क मार्ग से लखीमपुर पहुंचे। प्रशासन और पुलिस का अमला पूरी तरह से उनकी सुरक्षा में लगा था। वहीं, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की कार से कुचलकर किसान की मौत होने से माहौल उग्र हो गया। किसानों के आक्रोश को देखकर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी मूकदर्शक बन गए। निघासन और पलिया पुलिस थाना छोड़कर भाग गई।
किसानों के विरोध के चलते खुफिया इकाइयों को बवाल की आशंका थी। इस वजह से सारे अफसर किसानों की निगरानी के लिए कुछ पुलिसकर्मियों को छोड़कर डिप्टी सीएम की सुरक्षा में लग गए। डीएम अरविंद चौरसिया समेत सभी प्रमुख अफसर सुबह से ही डिप्टी सीएम के साथ लगे थे। किसान उनका विरोध करने की योजना बना रहे थे लेकिन डिप्टी सीएम का रूट बदलने से उनकी योजना फेल हो गई।
इस वजह से ही किसान आक्रोशित थे और इसी बीच केंद्रीय मंत्री के बेटे की कार से कुचलकर किसान की मौत होने से माहौल बिगड़ गया। हजारों की संख्या में वहां मौजूद किसान उग्र हो गए, जिनके सामने बमुश्किल सौ पुलिसकर्मी थे। उन्हें भी दिशानिर्देश देने वाला कोई उच्च अधिकारी नहीं था। परिणाम स्वरूप वहां मौजूद पलिया और निघासन की पुलिस मूकदर्शक होकर किसानों का गुस्सा देखती रही। दोनों थानों में मौजूद पुलिसकर्मी भी भीड़ के सामने जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके और थाना छोड़कर भाग गए।
तिकुनिया में रविवार को सुबह से ही प्रदर्शनकारी किसान जुटने लगे थे, जिनके हाथ में काले झंडे थे। हेलीपैड को किसानों ने चारों तरफ से घेर रखा था और डिप्टी सीएम के कार्यक्रम स्थल तक जाने वाले रास्ते पर भी प्रदर्शनकारी खड़े थे। सूत्र बताते हैं कि एलआईयू ने भी बवाल होने की आशंका जताते हुए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी थी, लेकिन अधिकारियों ने उसे हल्के में लिया। वे लोग डिप्टी सीएम के काफिले का रास्ता बदलकर निश्चिंत हो गए। यही वजह रही कि किसानों के प्रदर्शन स्थल पर पर्याप्त फोर्स तक नहीं था और बवाल के रूप में सामने आया। करीब दो घंटे तक किसान वहां बवाल करते रहे, तब जाकर डीएम और एसएसपी मौके पर पहुंचे।
किसानों के विरोध प्रदर्शन का इनपुट मिलने के बाद रविवार सुबह करीब आठ बजे प्रशासन ने डिप्टी सीएम के दौरे का संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिया। इसमें बताया गया कि अब वह हवाई मार्ग से न आकर सड़क मार्ग से आएंगे। इसके बाद करीब पांच हजार किसानों ने खेल मैदान पर टेंट लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रशासन को इसकी सूचना मिली तो अफसरों ने डिप्टी सीएम के बनवारीपुर जाने के मार्ग का रूट बदल दिया। मगर किसान हैलीपेड के पास ही डटे रहे।
डिप्टी सीएम केशव मौर्य केंद्रीय गृह राज्यमंत्री राजेश मिश्र टेनी के साथ बदले रूट से उनके गांव बनवीरपुर जा रहे थे। मगर केंद्रीय मंत्री का बेटा आशीष हैलीपेड वाले मार्ग से ही उन्हें रिसीव करने बेलरायां की ओर जाने लगा। रास्ते में उसकी गाड़ी से किसानों की कुचलकर मौत हो गई तो अफसर डिप्टी सीएम को लेकर तिकुनिया लौट गए।
बताया जाता है कि किसानों की मौत के बाद एएसपी अरुण कुमार सिंह ने गुस्साई भीड़ को समझाने की कोशिश की लेकिन वे लोग कार्रवाई की जिद पर अडे़ थे। इस पर एएसपी ने समझाया कि उनके बताए मुताबिक ही रिपोर्ट दर्ज करा दी जाएगी लेकिन किसान शांत नहीं हुए। वे लोग लोग बोले- जब तक केंद्रीय मंत्री टेनी इस्तीफा नहीं देंगे, वे लोग शांत नहीं होंगे
तिकुनिया में हुआ बवाल पुलिस और प्रशासन की नाकामी था। एलआईयू समेत अन्य खुफिया इकाइयों के इनपुट को प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया। इसमें साफ कहा गया था कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के दौरे के दौरान किसान उग्र विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। इसके बावजूद पर्याप्त फोर्स की तैनाती तक नहीं की गई। यही वजह रही कि बवाल होने के बाद पुलिस-प्रशासन उसे रोकने में नाकाम हो गया।
रविवार की सुबह उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के दौरे में आंशिक परिवर्तन भी हुआ। वह हेलीकॉप्टर के बजाय सड़क के रास्ते लखीमपुर पहुंचे। डिप्टी सीएम वंदन गार्डेन में कार्यक्रम में शामिल हुए। उधर तिकुनिया में किसान काले झंडे लेकर प्रदर्शन के लिए तैयार थे। दोपहर बाद करीब दो बजे डिप्टी सीएम और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का काफिला तिकुनिया रवाना हुआ। मगर उनके पहुंचने से पहले ही तिकुनिया में बवाल शुरू हो गया। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी। इसके बाद गुस्साए किसानों ने दो गाड़ियां फूंक डालीं। बवाल में कई मीडियाकर्मी भी जख्मी हो गए। पुलिस-प्रशासन तमाशबीन बना रहा।
आक्रोशित किसान बवाल करने में जुटे थे लेकिन उन्हें रोकने और समझाने वाला कोई नहीं था। करीब दो घंटे तक आक्रोशित किसान हंगामा करते रहे। इसके बाद डीएम और एसएसपी मौके पर उन्होंने किसानों को समझाकर शांत करने का प्रयास किया लेकिन कोई उनकी सुनने वाला नहीं था।
में बवाल के बाद शासन के निर्देश पर पूरे जोन में हाई अलर्ट कर दिया गया है। लखीमपुर खीरी से सटे किसान बहुल पीलीभीत और शाहजहांपुर जिले में विशेष निगरानी की हिदायत दी गई है। किसान संगठनों की सक्रियता को देखते हुए उत्तराखंड सीमा पर स्थित बरेली के बहेड़ी तहसील क्षेत्र में भी पैनी नजर रखने को कहा गया है।
किसान आंदोलन में तराई के जिलों के किसान संगठन लगातार सक्रिय हैं। आशंका जताई जा रही है कि लखीमपुर खीरी में हुए बवाल के बाद पीलीभीत, शाहजहांपुर और बहेड़ी के किसान वहां जा सकते हैं या फिर उसकी प्रतिक्रिया यहां देखने को मिल सकती है। इसी आशंका को देखते हुए एडीजी अविनाश चंद्र ने पूरे बरेली जोन में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। अफसरों को सक्रिय रहकर हालात पर नजर रखने की हिदायत दी गई है ताकि इस बवाल की प्रतिक्रिया दूसरे जिलों में न हो सके। बता दें कि शाहजहांपुर और पीलीभीत जिले की सीमा लखीमपुर खीरी से सटी हुई है। इन दोनों जिलों में बड़ी तादात में किसान लगातार किसान आंदोलन में सक्रिय हैं।
की घटना के बाद शासन ने बरेली के एडीजी अविनाश चंद्र और आईजी रमित शर्मा को पूरी स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। जरूरत पड़ने पर एक्शन लेने को भी कहा है। शासन लगातार दोनों अधिकारियों के संपर्क में बना हुआ है। इंटेलिजेंस और एलआईयू समेत सभी खुफिया इकाइयों को भी सक्रिय कर दिया है। उन्हें हर जरूरी सूचना स्थानीय अधिकारियों और शासन को भेजने का निर्देश दिया गया है। प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री बनने के बाद बहेड़ी विधायक छत्रपाल गंगवार रविवार को पहली बार बरेली पहुंचे। कई जगह उनके स्वागत कार्यक्रम होने हैं। इस दौरान किसान संगठनों के विरोध की आशंका देखते हुए पुलिस को अलर्ट किया गया है।
की घटना के बाद पूरे हालात पर नजर रखी जा रही है। पूरे जोन में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। अफसरों को फील्ड में रहकर हालात पर नजर रखने को कहा गया है। खीरी सीमा पर कड़ी निगरानी की जा रही है।
घटना के बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री राजेश मिश्र उर्फ टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की कोई जानकारी नहीं मिल रही है। चर्चा है कि माहौल को देखते हुए पुलिस ने उसे अपनी निगरानी में ले लिया है। वहीं, लखीमपुर में मंत्री के घर के बाहर भी बड़ी तादात में पुलिस तैनात कर दी गई है।
किसानों पर कार चढ़ने के बाद किसान आक्रोशित होकर बवाल करने लगे। उन्होंने गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू की तो केंद्रीय मंत्री टेनी का बेटा आशीष मिश्रा वहां से भाग निकला। इसके बाद उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। चर्चा है कि खतरे को देखते हुए पुलिस ने आशीष मिश्रा को अपनी निगरानी में ले लिया है, हालांकि अफसरों ने इसकी पुष्टि नहीं की। किसानों के आक्रोश को देखते हुए लखीमपुर खीरी स्थित केंद्रीय मंत्री के आवास के आसपास बेरिकेडिंग कर बड़ी तादात में पुलिस तैनात कर दी गई।