मुजफ्फरनगर| मुजफ्फरनगर में रामपुर तिराहा कांड की गायब मूल पत्रावलियों के बजाए फोटो कॉपी के आधार पर साक्ष्य कराने के मामले में बचाव पक्ष ने लिखित आपत्ति दर्ज कराई है। प्रकरण की सुनवाई के लिए अब सात अगस्त की तिथि तय की गई है। अपर जिला एंव सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने प्रकरण की सुनवाई की।

शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार बनाम मिलाप सिंह की पत्रावली में बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुरेंद्र शर्मा ने लिखित में आपत्ति जताते हुए कहा कि फोटो कॉपी के आधार पर साक्ष्य नहीं होने चाहिए।

गौरतलब है कि बुधवार को सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा ने अदालत को बताया था कि मूल दस्तावेजों की फोटो कॉपी सीबीआई के पास है, इनके आधार पर दूसरे गवाह को अदालत बुलाने की अनुमति दी जाए।

एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। गंभीर धाराओं के सेशल ट्रायल मुकदमों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने जिले के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को अधिकृत किया है।