गोरखपुर। के होटल कृष्णा पैलेस में कारोबारी मनीष गुप्ता मामले में जांच कर रही एसआईटी कानपुर ने रामगढ़ताल पुलिस के झूठ को पकड़ लिया है। नर्सिंग होम से मेडिकल कॉलेज पहुंचने में लगने वाले समय और असल समय की जानकारी करने को रविवार की आधी रात डेमो किया गया। टीम के सदस्य नर्सिंग होम से मेडिकल कॉलेज मिनटों में पहुंच गए, वहीं घटना वाली रात पुलिस को एक घंटे से ज्यादा का समय लग गया था।
इसके अलावा उसे लावारिस में दाखिल करने की बात भी छिपाई गई थी। नर्सिंग होम की जांच से साफ हो गया है कि उसकी पल्स, बीपी नहीं मिल रही थी फिर मेडिकल कॉलेज की सर्जरी वार्ड में उसे भेजा जाना कई सवाल खड़ा कर रही है? इसके पीछे की मंशा को एसआईटी भी समझ चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, रविवार की रात में मानसी नर्सिंग होम में एसआईटी दोबारा पहुंची थी। रात में 12.15 बजे जांच टीम के सदस्य फिर से मेडिकल पहुंचे थे। आधी रात में जांच की गई है कि असल में होटल से निकलकर नर्सिंग होम और फिर वहां से मेडिकल कॉलेज में पहुंचने में कितना समय लग सकता है? इसकी जांच से पुलिस की लापरवाही उजागर हो गई है।
पता चला है कि अगर पुलिस सच में मेडिकल उसे पहुंचाना चाहती है तो एक घंटे से ज्यादा समय लगना संभव नहीं है। अब सवाल उठता है तो फिर पुलिस कहां थी? पुलिस उसे मेडिकल कॉलेज पहुंचने में देरी जानबूझकर की है या फिर सिर्फ औपचारिकता पूरी करने को उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था? इन सवालों का जवाब एसआईटी ने खोज निकाला है।
खबर है कि यही वजह है कि सोमवार को एसआईटी कहीं पर नहीं गई। दिन भर जांच का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार किया गया है। एक-एक बिंदु की विस्तृत रिपोर्ट साक्ष्यों के साथ एसआईटी ने तैयार कर दी है। हालांकि एसआईटी सोमवार को गोरखपुर में ही मौजूदी थी लेकिन जल्द ही टीम कानपुर जाकर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। जिसके बाद यह साफ हो जाएगा कि यह हादसा है या फिर हत्या?