लखनऊ: लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर की शाम आंदोलनरत किसानों और भाजपा नेता अजय मिश्रा टेनी के कार्यकर्ताओं के बीच जिस तरह की हिंसा भड़की थी, कोई सोच भी नहीं सकता था कि योगी सरकार उस पर 20 घंटे में काबू पा लेगी. लखीमपुर से उठी चिंगारी से पूरे देश में हिंसा भड़कने की आशंका थी. इस बात का डर तब और बढ़ा जब हमेशा की तरह इस बार भी राजनीतिक दलों ने घटना में अपने लिए सियासी लाभ तलाशना शुरू कर दिया.

रात होते-होते कांग्रेस, सपा, बसपा, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, रालोद सहित अन्य दलों के नेताओं ने मुद्दे को बढ़ाना शुरू किया. प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, सतीश चंद्र मिश्रा, जयंत चौधरी, शिवपाल यादव, संजय सिंह समेत अन्य कई नेताओं ने लखीमपुर खीरी कूच करने का ऐलान कर दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौके की नजाकत को बखूबी भांपा और अपना गोरखपुर दौरा रद्द कर तुरंत राजधानी लखनऊ के लिए रवाना हो गए.

उन्होंने गोरखपुर में रहते ही एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार, लखनऊ रेंज आईजी लक्ष्मी सिंह, लखनऊ कमीश्नर, एसीएस कृषि विभाग को मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया. ये सभी अधिकारी ​बिना एक पल गंवाए लखीमपुर ​खीरी के लिए रवाना हुए, इधर पीएसी की तीन टीमें भी जिले में भेज दी गईं. लखीमपुर खीरी को किले में तब्दील कर दिया गया, धारा 144 लागू कर दी गई.

यूपी सरकार के मुख्य सचिव ने आदेश जारी किया कि लखीमपुर में नेताओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, किसान संगठनों के नेता जरूर जा सकेंगे. इस एक फैसले से आग पर काबू पाने में बहुत मदद मिली. हाथरस कांड की तरह लखीमपुर में भी विपक्षी दलों ने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की योजना बनाई थी. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍याथ ने एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार को प्रदर्शनकारियों और किसान नेताओं से बात कर बीच का रास्‍ता निकालने की जिम्‍मेदारी सौंपी.

इस बीच किसी तरह ही अ‍परिहार्य स्थिति से निपटने की पूरी व्‍यवस्‍था कर ली गई थी. योगी सरकार को अंदेशा था कि विपक्षी दल के नेता लखीमपुर खीरी पहुंचकर तनाव बढ़ा सकते हैं. इसलिए सभी को हाउस अरेस्ट करने का फैसला लिया गया. सोमवार को पौ फटते ही किसान नेताओं से बातचीत शुरू कर दी गई. कुछ शर्तों पर पेच फंसा था जिनपर चर्चा के बाद बात बन गई. आखिरकार घटना के 24 घंटों के भीतर सरकार और किसानों के बीच समझौता हो गया. इस मामले की पूरी टाइमलाइल नीचे पढ़ें…

शाम 3.45 बजे: लखीमपुर खीरी के तिकोनिया इलाके में भारी बवाल की खबर आई. सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष उर्फ मोनू मिश्रा पर आरोप लगा कि उन्होंने तीन कृषि कानूनों के ​खिलाफ ​प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कार चढ़ा दी. गुस्‍साए किसानों ने मौके पर दो गाड़ियों में आग लगा दी थी.

शाम 4.10 बजे: लखीमपुर खीरी के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच चुके थे. केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के गांव में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का तय कार्यक्रम बीच में रोक दिया गया. तिकोनिया इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई.

शाम 4.20 बजे: संयुक्त किसान मोर्चा ने दो किसानों की मौत और 8 के घायल होने का दावा किया. भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी वीडियो जारी कर घटना की पुष्टि की और भाजपा नेता के बेटे पर किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाया. उन्होंने लखीमपुर रवाना होने की सूचना दी.

शाम 4.26 बजे: उत्तर प्रदेश पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया और भारतीय जनता पार्टी पर किसानों की हत्या का आरोप लगाया. केंद्र और राज्य की सरकार को तानाशाही बताया. यहां तक कह डाला कि भाजपा नेता गाड़ी क्या पैदल भी चल नहीं पाएंगे.

शाम 5.00 बजे: केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने सबसे पहले जी मीडिया से बातचीत में बताया कि घटना से उनका और उनके बेटे का कोई लेनादेना नहीं है. उनका बेटा घटनास्थल पर मौजूद नहीं था. मरने वालों में 3 भाजपा कार्यकर्ता और उनका 1 ड्राइवर शामिल है, जिनकी उपद्रवियों ने पीटकर हत्या की. उन्होंने किसानों पर ही पथराव करने का आरोप लगाया. किसान पक्ष के मारे गए लोगों के बारे में उन्होंने कहा कि गाड़ी पलटने से उसकी चपेट में आकर उनकी मौत हुई.

शाम 6 बजे: संयुक्त किसान मोर्चा एक प्रेस रिलीज जारी कर गृह राज्य मंत्री और समर्थकों पर तुरंत हत्या के मामले दर्ज करने और मंत्री को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की.

शाम 6.08 बजे: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ट्वीट करती हैं, ”भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएंगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे?”

रात 7.17 बजे: बसपा अध्‍यक्ष मायावती ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट से घटना का स्‍वत: संज्ञान लेने की अपील करती हैं.

रात 7.25 बजे: पंजाब से गुरनाम सिंह चढूनी और लक्खा सिधाना 4 दर्जन गाड़ियों के काफिले के साथ लखीमपुर खीरी आने की खबर आती है.

रात 7.30 बजे: किसान नेताओं ने ऐलान किया कि जब तक बीजेपी नेता का बेटा अरेस्ट नहीं होगा, तब तक एक भी शहीद किसान की चिता नहीं जलेगी.

रात 8 बजे: पंजाब में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन शुरू होने की रिपोर्ट्स आनी शुरू हुईं. इस बीच पता चला कि मारे गए आंदोलनकारी किसानों में 2 बहराइच के रहने वाले थे. एक पत्रकार भी घायल है जिसका लखनऊ में इलाज चल रहा है.

रात 8.10 बजे: प्रियंका गांधी आनन फानन में दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना हुईं. उन्होंने ऐलान किया कि वह रात में ही लखीमपुर खीरी जाएंगी और मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात करेंगी. उनके साथ दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी थे.

रात 8.40 बजे: किसानों ने गदरपुर में नैनीताल-देहरादून हाइवे ब्‍लॉक किया. लखीमपुर में इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजधानी लखनऊ पहुंचे और तुरंत हाई लेवल मीटिंग बुलाई. इस मीटिंग में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी मुकुल गोयल शामिल थे. सीएम ने बयान जारी कर पूरे मामले की गहन जांच कराने की बात कही और दो​षियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने का वादा किया.

रात 9.30: पंजाब और छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्रियों ने लखीमपुर जाने की घोषणा की. प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचीं और कौल हाउस के लिए रवाना हुईं. यहां उन्हें हाउस अरेस्ट करने की कोशिश की गई, जो विफल रही.

रात 10.10 बजे: किसान संगठनों ने पूरे भारत में सोमवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक प्रदर्शन का ऐलान किया. किसान नेता राकेश टिकैत का काफिला बरेली से पीलीभीत होते हुए लखीमपुर के लिए निकला. हाईवे पर किसानों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात था.

रात 10.45 बजे: प्रियंका गांधी लखीमपुर के लिए रवाना हुईं. मुजफ्फरनगर के सिसौली में रात को महापंचायत बुलाई गई.

रात 12 बजे: राकेश टिकैत पीलीभीत पहुंचे. पंजाब के CM चन्नी, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, चंद्रशेखर आजाद ने सुबह लखीमपुर जाने का ऐला किया. पुलिस ने सबको हाउस अरेस्ट करने की तैयारी शुरू कर दी.

रात 12.37 बजे: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद खैराबाद टोल प्लाजा पर रोके गए.

सुबह 5 बजे: प्रियंका गांधी को पुलिस ने सीतापुर के हरगांव बॉर्डर पर हिरासत में लिया. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को रोका गया.

सुबह 5.45 बजे: लखीमपुर खीरी पहुंचे राकेश टिकैत से बात करने डीएम अरविंद चौरसिया और एसपी विजय ढुल पहुंचे.

सुबह 6.20 बजे: राकेश टिकैत ने किसानों के साथ चर्चा करके अपना मांग पत्र प्रशासन को सौंपा. अजय कुमार मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी मुख्य मांग थी.

सुबह 7 बजे: लखनऊ में अखिलेश यादव को हाउस अरेस्ट कर लिया गया. मकान के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया.

सुबह 7.15 बजे: किसानों की मौत मामले में पुलिस ने केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी, उनके पुत्र आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया.

सुबह 7.18 बजे: किसान और प्रशासन के बीच एक बार फिर बैठक शुरू, बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत समेत 12 लोग मौजूद थे. लखीमपुर के DM-SP मौजूद थे.

सुबह 7.57 बजे: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आवास के बाहर प्रशासन ने ट्रक खड़ा करवाया.

सुबह 8.45 बजे: रैपिड ऐक्‍शन फोर्स को घटनास्‍थल की ओर रवाना किया गया. अखिलेश यादव अपने आवास के बाहर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. उनके साथ बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता थे. मौके पर मौजूद पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी गई.

सुबह 9.06 बजे: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बहन प्रियंका के समर्थन में ट्वीट किया. दिल्‍ली-एनसीआर के कई बॉर्डर्स बंद किए गए.

सुबह 9.55 बजे: शिवपाल यादव के दीवार फांदकर भागने की खबर आई. हालांकि बाद में उन्‍हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

सुबह 10 बजे: आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के समर्थकों ने गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़) के टोल प्लाजा के बैरियर को तोड़ा. चौधरी लखीमपुर खीरी जा रहे थे.

सुबह 10.10 बजे: पुलिस ने अखिलेश यादव को हिरासत में लिया. रामगोपाल यादव और अन्‍य कार्यकर्ता भी हिरासत में लिए गए. लखीमपुर हिंसा में घायल पत्रकार की मौत हो गई. इस घटना में यह 9वीं मृत्यु थी.

सुबह 11 बजे: मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी बैठक बुलाई. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना समेत आला अधिकारी बैठक में मौजूद रहे.

दोपहर 12.40 बजे: किसानों और प्रशासन में सहमति बनी. मृतकों के आश्रितों को 45 लाख का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, 8 दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी का भरोसा, घायलों को 10 लाख का मुआवजा और घटना की हाई कोई के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच की बात पर किसान माने.

दोपहर 12.50 बजे: उत्‍तर प्रदेश सरकार और किसान नेताओं की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में समझौते का ऐलान हुआ और लखीमपुर खीरी में चल रहा धरना समाप्त हुआ.

दोपहर 1.30 बजे: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया जिसके मुताबिक उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आरएएफ और एसएसबी की दो-दो कंपनियों की तैनाती 6 अक्टूबर तक रहेगी. इस तरह योगी सरकार लखीमपुर खीरी में भड़की हिंसा पर सफलता पूर्वक काबू पाया और विपक्षी दलों को सियासत का मौका नहीं मिला.