मुजफ्फरनगर। आजमगढ़ की घटना के विरोध में जिले के स्कूल संचालक और शिक्षक सड़क पर उतरे। पैदल मार्च करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे और डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी को मांगपत्र सौंपा। शिक्षकों ने कहा कि जांच पूरी होने तक दोनों शिक्षकों को अंतरिम जमानत मिलनी चाहिए। प्रदेश स्तर पर स्कूल सुरक्षा नीति का मसौदा जल्द से जल्द तैयार होना चाहिए।
कंफेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल्स के आह्वान पर इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन के बैनर तले विभिन्न संगठनों से जुड़े शिक्षक मंगलवार को राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर एकत्र हुए। अध्यक्ष अनिल आर्य, सचिव संदीप मलिक और कोषाध्यक्ष अनघ सिंघल ने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर आजमगढ़ की छात्रा को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इसके बाद सरकुलर रोड, महावीर चौक और प्रकाश चौक से पैदल मार्च करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। यहां अपनी मांगों के समर्थन में प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को उनके कक्ष में मांगपत्र सौंपा। शिक्षकों ने प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग रखी।
शिक्षकों ने कहा कि यदि कभी भी कोई दुर्घटना विद्यालय में हो जाए तो केवल शक के आधार पर कर्मचारियों को जेल में भेजने की बजाय सही प्रकार से जांच की जाए। दोषी पाए जाने पर ही कोई कार्रवाई होनी चाहिए। जिला स्तर पर कमेटी बना दी जाएं, जिसमें प्रशासन और विद्यालय संगठनों की एक संयुक्त कमेटी शामिल हो। इस मौके पर चंचल सक्सेना, अनीता दत्ता, मोनिका गर्ग, मीनाक्षी मित्तल, महिपाल सिंह, प्रवेंद्र दहिया, धारा रत्न, विश्व रत्न, रजनीश कुमार मौजूद रहे।
– आजमगढ़ के प्रधानाचार्या और कक्षा अध्यापक को अंतरिम जमानत दी जाएं।
– इस तरह के मामलों की जांच के लिए प्रत्येक जिले में कमेटी गठित हो, जिसमें स्कूलों के पांच प्रतिनिधि शामिल हों।
– बिना जांच किए एफआईआर नहीं होनी चाहिए। जांच के बाद ही गिरफ्तारी होनी चाहिए।
– प्रदेश स्तर पर स्कूल सुरक्षा नीति का मसौदा जल्द से जल्द तैयार किया जाए।
– प्रदर्शन में इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन, इंडिपेंडेंट स्कूल्स फेडरेशन, एफिलिएटिड स्कूल्स एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन, वित्त विहीन मान्यता प्राप्त संगठन, मान्यता प्राप्त विद्यालय महासभा और अल्पसंख्यक स्कूल विकास संघ से जुड़े स्कूलों ने भाग लिया।