मुजफ्फरनगर। जालसाज ने चरवाहे को पेंशन बनवाने का झांसा देकर उसके नाम से बैंक में खाता खोलकर फर्जी फर्म बनाई। इसके बाद पांच करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया। आयकर विभाग के नोटिस भेजने पर धोखाधड़ी का राज खुला। पीड़ित चरवाहे ने आरोपी नई मंडी आइसीआइसीआइ बैंक के प्रबंधक के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।
भोपा के गांव शुक्रतारी शुक्रताल निवासी योगेंद्र सिंह गंगा खादर क्षेत्र में पशु चराते हैं। शाहपुर क्षेत्र के गांव किनौनी निवासी परिचित नरेंद्र ने उससे कहा कि वह उसकी पेंशन बनवा देगा। इसके लिए पेन कार्ड बनवाना पड़ेगा और आधार कार्ड लेकर मुजफ्फरनगर जाना होगा। पेन कार्ड बनवाने के बाद नरेंद्र ने उसे मुजफ्फरनगर बुलाकर उसके हस्ताक्षर करा बंधन बैंक में खाता खुलवा कर उसे जल्द पेंशन आने का आश्वासन दिया। खाते में उसकी पत्नी के नाम से एक बार 25 हजार रुपये पेंशन के नाम के दिलवाए गए। उसे पता चला कि नरेंद्र ने उसके खाते से कई बार में रुपये निकाले हुए हैं तो योगेंद्र ने खाता बंद करा दिया।
एक मार्च 2023 को आयकर विभाग ने चरवाहे को नोटिस भेजा, तब जानकारी हुई कि नरेंद्र ने उसके नाम से नई मंडी की आइसीआइसीआइ बैंक शाखा में 2018 में खाता खोला था और उसे मालिक दर्शाते हुए मैसर्स शिव पेपर नई बस्ती एफआइएल तुलसी नगर कूकड़ा रोड के नाम से एक फर्म बनाई हुई थी। बैंक की स्टेटमेंट से पता चला कि योगेंद्र के खाते से पांच करोड़ रुपये का लेनदेन किया था। नई दिल्ली, नासिक, मुंबई से पैसे मंगा कर विभिन्न तारीखों में भुगतान लिया था। जबकि पीड़ित योगेंद्र कभी बैंक से रुपये निकालने नहीं गया।
आरोप है कि पीड़ित योगेंद्र ने बैंक कर्मचारियों से उसके खाते से रुपये निकालने वाले लोगों के फोटो दिखाने को कहा तो भगा दिया गया। नरेंद्र व बैंक प्रबंधक पर यह धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। पीड़ित ने दोनों आरोपियों के खिलाफ नई मंडी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापति ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।