मंसूरपुर (मुजफ्फरनगर)। छात्र की पिटाई करवाने के मामले में आरोपी शिक्षिका तृप्ता त्यागी पर दर्ज एनसीआर को एफआईआर में बदला गया है। किशोर न्याय अधिनियम की धारा बढ़ाकर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था, जिस पर सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तिथि तय की गई है।
पिछले महीने 24 अगस्त को अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र की पिटाई के बाद वीडियो वायरल हो गया था। प्रकरण की गूंज लखनऊ और दिल्ली तक हुई थी। मानवाधिकार आयोग और अल्पसंख्यक आयोग जांच कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट तक भी यह मामला पहुंच चुका है। पुलिस ने आरोपी शिक्षिका तृप्ता त्यागी के खिलाफ एनसीआर दर्ज की थी, जिसे अब एफआईआर में बदल दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस हरकत में आई है। किशोर न्याय अधिनियम की धारा बढ़ाकर जांच की जा रही है।
खुब्बापुर गांव के स्कूल में शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने पांच का पहाड़ा नहीं सुनाने पर अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र की सहपाठियों से पिटाई करा दी थी। इसी दौरान जातीय टिप्पणी का भी आरोप है। प्रकरण के दौरान पीड़ित छात्र के चचेरे भाई ने वीडियो बना लिया। वीडियो के वायरल होते ही देशभर से प्रतिक्रियाएं आने लगीं और शिक्षिका की गिरफ्तार की मांग उठने लगी। आरोपी शिक्षिका पर अब एफआईआर दर्ज हो गई है। खुब्बापुर गांव के पीड़ित छात्र का अभी तक किसी स्कूल में प्रवेश नहीं हो सका है। जमीयत उलमा ने छात्र के घर पर शिक्षक भेजकर पढ़ाई शुरू करा दी है। प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने तक शिक्षक रोजाना घर पर पहुंचकर छात्र को पढ़ाने का कार्य करेगा।