मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड में बचाव पक्ष ने अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर कहा कि घटनाक्रम के दिन उच्चाधिकारियों के आदेश पर बस में चेकिंग की गई थी। दस्तावेजी साक्ष्य दाखिल किए गए। अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।
सिविल जज सीनियर डिवीजन मयंक जायसवाल की अदालत में सीबीआई बनाम ब्रज किशोर की पत्रावली पर सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि दस्तावेजी साक्ष्य अदालत में दाखिल किए गए हैं। बचाव पक्ष का कहना है कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर तत्कालीन झिंझाना थाने के एसओ ब्रज किशोर समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने चेकिंग की थी। इस संबंध में केस की पत्रावली पर एक पत्र दाखिल किया। गवाही के लिए 29 सितंबर नियत की गई है।
एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे।