मेरठ| अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में दिए गए केंद्रीय पशुधन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान के बयान ने सियासी बवाल मचा रखा है। हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग पहले भी उठ चुकी है। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव को चौखट पर देख विपक्षी नेताओं ने बालियान के बयान का समर्थन करते हुए इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। पश्चिमी यूपी के मेरठ (क्रांतिधरा) से उठा यह मुद्दा भाजपा के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर सकता है।
वहीं, संजीव बालियान के बयान से जाट आरक्षण का मुद्दा फीका पड़ता दिखाई दे रहा है। इस बात के सियासी गलियारे में कई मायने निकाले जा रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका बयान पार्टी की कोई दूरगामी योजना तो नहीं है। हालांकि बालियान का कहना है कि यह उनकी निजी राय है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश बने। वैसे भी यह प्रदेश की जनता की मांग है।
अब देखना यही होगा कि क्या भाजपा अपने ही मंत्री की इस मांग को पूरा कर पाएगी या फिर चुनाव से पहले इस मुद्दे को दबा दिया जाएगा। आगे विस्तार से सभी दिग्गजों के बयान पढ़िए।
सहारनपुर के कद्दावार नेता पूर्व विधायक इमरान मसूद ने भी संजीव बालियान का समर्थन किया है। उन्होंने पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने वाली मांग को जायज बयाया है। उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग प्रदेश बने, ये वक्त की मांग है। इमरान मसूद ने कहा कि डॉ. संजीव बालियान केंद्रीय राज्यमंत्री है, उनका हर लफ्ज वजन रखता है, यूं ही नहीं उन्होंने यह मुद्दा उठाया है। वैसे मोदी है तो मुमकिन है, शायद उन्हें समझ आ जाए। पश्चिमी उप्र के हर व्यक्ति की वही भावना है, जो संजीव बालियान की है। न्याय के लिए 750 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। राजनीतिक रूप से भी भेदभाव हो रहा है।
इमरान मसूद ने गुर्जरों का मसला उठाते हुए कहा कि पश्चिमी यूपी में गुर्जरों की बड़ी तादात होने के बाद भी गुर्जर कैबिनेट मंत्री नहीं है। गुर्जरों को सही प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। हम तो पहले से ही अलग राज्य के पक्षधर रहे हैं। अलग राज्य होगा तो विकास के साथ समद्ध प्रदेश हो और सभी समाज को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा।
बिजनौर के बसपा सांसद मलूक नागर ने कहा है कि 70 साल से लंबित चल रही पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग को पूरा करने का वक्त आ गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलग राज्य बनने की जो उम्मीद जताई है, केंद्र सरकार को संसद से उसे पारित कर देना चाहिए। अलग राज्य को हमारा पूर्ण समर्थन है।
बसपा सांसद मलूक नागर ने बताया कि संसद में उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। वर्ष 1955 में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने उत्तर प्रदेश को तीन भागों में बांटने की पुरजोर वकालत की थी। वर्ष 1953 में दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री ब्रह्म प्रकाश ने पश्चिमी यूपी को दिल्ली में मिलने का सुझाव दिया था। चौधरी चरण सिंह और अजित सिंह भी राज्य के बंटवारे के पक्ष में थे।
रालोद के राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान ने कहा कि संजीव बालियान जाट आरक्षण को भूल चुके हैं और जाट समाज को इस मांग से भटकाना चाहते हैं। जबकि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पूर्व उन्होंने दिल्ली स्थित अपने आवास पर बैठक आयोजित कर कहा था कि समाज को केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण दिलाया जाएगा। उनकी सरकार आरक्षण दिलाएगी, इसके लिए प्रधानमंत्री से वार्ता की जाएगी, लेकिन वह अपने ही वादे को भूल चुके हैं और अब वोटों की राजनीति कर रहे हैं। अब लोगों का ध्यान आरक्षण से हटाकर अलग प्रदेश बनाने पर ला रहे हैं। वह लोगों के साथ धोखा कर रहे हैं।
अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी ने कहा कि मंत्री जी सरकार में हैं। अगर वह चाहते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग राज्य बने तो उसे धरातल पर लाएं। इस प्रकार मंच पर झूठे वादे करने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने जाट आरक्षण को लेकर कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व संजीव बालियान की ओर से ही जाटों को आरक्षण दिलाने का वादा किया गया था, लेकिन चुनाव के बाद सबकुछ भूल गए। अब लोगों को मुद्दे से भटकाया जा रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग मिनी पाकिस्तान बनने को बढ़ावा देना है। भाजपा नेता एवं सरधना के पूर्व विधायक ठाकुर संगीत सोम ने कहा कि वेस्ट यूपी को दिल्ली प्रदेश में शामिल करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में पश्चिमी यूपी अलग राज्य बनाए जाने की पैरवी की जो कि वेस्ट यूपी के भविष्य को देखते हुए सही नहीं है। यदि ऐसा हुआ तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश मिनी पाकिस्तान बन जाएगा।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्य सभा सदस्य लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। हालांकि काफी टटोलने के बाद उन्होंने कहा कि यह पार्टी की नीति में शामिल नहीं है, कुछ नहीं कहना है। व्यक्तिगत विचार व्यक्त करने का सबको अधिकार है। मैं इस विषय में ज्यादा कुछ नहीं बोलूंगा।