मुजफ्फरनगर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों व बेसहारा लोगों को अपने आवासों के निर्माण की आस है, लेकिन उनकी यह आस टूटती नजर आ रही है। जिले के 498 गांवों में इस योजना के तहत सिर्फ 50 मकान स्वीकृत हुए हैं जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।

जिले के ग्रामीण क्षेत्र के सैंकड़ों बेघरों के हिस्से में केवल 50 आवास आए हैं। 2023-24 में पीएम आवास योजना ग्रामीण में केवल 50 आवास का पैसा जारी हुआ है। बीते पांच सालों की बात करें तो इस योजना में केवल 2125 आवास ही स्वीकृत हुए हैं। इनमें अधिकतर वह हैं जो बरसात में गिर जाते हैं।

जिले के 11 गांवों के नगरपालिका परिषद में शामिल होने के बाद अब 487 गांव बाकी हैं। इन गांवों में हजारों लोग ऐसे हैं, जिनके पास रहने का आवास नहीं है। प्रदेश सरकार ने पीएम आवास योजना ग्रामीण में आवेदन ही बंद कर रखे हैं। इस कारण बेघर लोग आवेदन भी नहीं कर पा रहे हैं।

गांव के लोग आवास के लिए प्रधान, ब्लॉक और जिला मुख्यालय पर गुहार लगाते हैं। योजना के क्रियान्वित नहीं होने से इसका लाभ पात्र गरीबों को नहीं मिल पा रहा है। योजना के लिए पंचायत सचिव के माध्यम से आवेदन होता है। बड़ी संख्या में लोग आवास के लिए पंचायत सचिवों के भी चक्कर काटते हैं। 2023-24 में इस योजना में पूरे जिले के 487 गांवों में केवल 50 आवास स्वीकृत हुए है।

जिले के परियोजना निदेशक राजीव कुमार वर्मा ने मीडिया को बताया कि 19 सितंबर 2023 को 50 आवास का पैसा आया था। इस वर्ष यही आवास स्वीकृत हुए हैं। सरकार ने आवेदन पर इस समय रोक लगा रखी है। पीएम आवास योजना ग्रामीण में पंचायत सचिव के माध्यम से आवेदन होते हैं। जब आवेदन की अनुमति जारी होगी उसी के बाद ही बेघर लोग इस योजना में आवेदन कर पाएंगे।

उधर, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल का कहना है कि जिन लोगों के पास आवास नहीं हैं वह जिला पंचायत सदस्यों के पास भी आते हैं। गांव प्रधान लगातार मांग कर रहे हैं। यह मामला विकास कार्यों की बैठक में भी उठा था। हम पीएम आवास ग्रामीण में आवेदन लिए जाने और बेघरों के आवास स्वीकृत करने की मांग को लेकर अपनी ओर से मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखेंगे।