मुजफ्फरनगर। जिले में 574 करोड रुपये की लागत से हुए विकास कार्यं जांच के दायरे में आ गए हैं। इन विकास कार्यों की जांच के लिए तीन एजेंसियों को काम पर लगाया गया है, जिसके कारण विभाग में हडकंप की स्थिति है।
जल जीवन मिशन में चल रहे 574 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की जल शक्ति मंत्रालय ने जांच शुरू करा दी है। तीन अलग-अलग एजेंसी जांच में जुटी हैं। कार्यों और भुगतान को लेकर पहले कई बार हंगामे भी हुए हैं।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिले के 221 गांवों में ओवरहेड टैंक बनाने और पेयजल लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। जनपद में इन कार्यों को एनकेजी, जेएमसी और गुडहिल कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। इन तीनों कंपनी ने अपने काम अपने नीचे ठेकेदारों को दे रखे हैं।
जिले में ओवरहेड टैंक बनाने में लगातार शिकायत आ रही है। एक टैंक बनाने के लिए सरकार लगभग 60 लाख रुपये देती है। शिकायत मिल रही थी कि बजट शत प्रतिशत खर्च नहीं किया जा रहा है। आईआईटी रुड़की और जल विज्ञान संस्थान से कराई जाने वाली जांच भी नहीं हो सकी है।
लगातार शिकायतों के बाद केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय और प्रदेश सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। जल शक्ति मंत्रालय से आए अधिकारी ने गांवों में पहुंचकर मानकों की जांच की। जल शक्ति मंत्रालय ने इसी के साथ कार्यों की थर्ड पार्टी जांच की जिम्मेदारी एक कंपनी टीपीआई को दी है। यह कंपनी रिपोर्ट देगी कि कार्य मानक के अनुसार हुए हैं कि नहीं।
उधर, प्रदेश सरकार ने स्पेशल ब्रांच को भी अलग से जांच करने के लिए कहा है। एक्सईएन जल निगम संजय कुमार ने बताया कि पेयजल और स्वच्छता दोनों की जांच एक साथ की गई। सीडीओ संदीप भागिया ने बताया कि जल निगम के कार्यों की निरंतर जांच हो रही है।