मुजफ्फरनगर। जिले में शिक्षा विभाग की ओर से 12 मदरसों को नोटिस जारी किया गया है। विभाग की ओर से कहा गया है कि बिना मान्यता वाले मदरसों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। साथ ही यदि ऐसे मदरसे खुले पाए गए तो उनसे रोज 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूल किया जाएगा।
शिक्षा विभाग की ओर से जिले के करीब 12 मरदसों को नोटिस दिया गया। जिनसे उनकी मान्यता को लेकर जवाब मांगते हुए बीएसए कार्यालय पर मान्यता के अभिलेख जमा कराने का निर्देश दिया गया। गैर मान्यता मदरसे के संचालन पर प्रतिदिन दस हजार रुपये जुर्माना लगाने की भी बात कही गई।
दीनी तालीम देने वाले मदरसों को पुरकाजी के खंड शिक्षा अधिकारी ज्योति प्रकाश तिवारी ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में कहा कि अगर उनका मदरसा निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अध्याय 4 की धारा 18 के अनुसार मान्यता प्राप्त है, तो वह मदरसे की मान्यता संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराएं।
उन्होंने कहा कि यदि कोई मदरसा बिना मान्यता के पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अगर मदरसा खुल पाया गया, तो प्रतिदिन 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
उन्होंने ऐसे करीब 12 विद्यालयों/मदरसों को नोटिस देकर जवाब मांगा है। उन्हें तीन दिन का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई मान्यता के अभिलेख नहीं दिखाता है तो उसके संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मदरसों को विभाग से नोटिस मिलने के बाद संचालकों में हड़कंप मच गया। इसको लेकर जमीयत उलमा ए हिंद की ओर से नाराजगी भी जाहिर की गई थी। जमीयत उलमा ए हिंद ने मदरसा संचालकों के साथ एक बैठक की थी।
संगठन के सचिव कारी जाकिर हुसैन ने कहा था कि धार्मिक मदरसों में निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है। यह मदरसे आजादी से भी पहले से चले आ रहे हैं। मदरसे विद्यालयों की श्रेणी में नहीं आते हैं, बावजूद इसके विभाग ने नोटिस दे रहा है।